द लीडर, हरिद्वार । पहले से ही तंग व्यवस्थाओं के साथ महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में कुंभ का पर्व स्नान शुरू हो गया | शाही स्नान को अखाड़े तैयार हूं। संतो का आशीर्वाद लेने और व्यवस्थाओं का जायजा लेने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी हरिद्वार पहुंच रहे हैं।
हरकी पैड़ी पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ लगी है। 4 बजे से ही भारी तादाद में तीर्थयात्रियों ने गंगा में डुबकी लगा कर भगवान शंकर का जलाभिषेक शुरू कर दिया था। सुबह 7 बजे तक 5 लाख लोग विभिन्न घाटों पर स्नान कर चुके थे। मेला प्रशासन का अनुमान है कि 20 लाख से अधिक श्रद्धालु इस वक़्त हरिद्वार में हैं।
सुबह की गंगा आरती के वक़्त हर की पैड़ी पर काफी भीड़ थी लेकिन पिछले कुम्भ जैसी धक्का मुक्की वाली नहीं। जगह जगह बेरिकेडिंग की वजह से स्नानार्थियों के लिए हर की पैड़ी पहुंचना आसान नहीं था इसलिए हर घाट पर स्नान का सिलसिला चलता रहा।
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माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी का पार्वती से विवाह हुआ था। इसलिए रात 12 के बाद से ही हरकी पैड़ी पर भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने गंगा में डुबकी लगानी शुरू कर दी थी | साढ़े 10 बजे मुख्यमंत्री जूना अखाड़ा पहुंच कर संतो का आशीर्वाद लेंगे उसके बाद दूसरे संतोंसे मिलेंगे।
11:00 बजे से हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में सभी छात्रों सन्यासी अखाड़े महाशिवरात्रि का स्नान करेंगे| इसलिए प्रशासन ने सुबह 7 बजे तछाही ब्रह्मकुंड क्षेत्र में आम श्रद्धालुओं के लिए स्नान करने की व्यवस्था रखी है । 8:00 बजे के बाद इस क्षेत्र में आम श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकते।
इसके बाद शाम 5 बजे तक अखाड़ों के साधु संत महामंडलेश्वर आचार्य महामंडलेश्वर के स्नान को आरक्षित होगा। सबसे पहले हरकी पैड़ी पर सुबह 11 बजे श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा आह्वान अखाड़ा अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा स्नान करेंगे |
उसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा और उसके बाद आखिर में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा और श्री अटल पंचायती अखाड़ हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करेंगे । सुबह 9 बजे जूना अखाड़ा के नागा साधू अपने अखाड़े से हर की पैड़ी गंगास्थान स्नान हेतु निकलेंग
शहरी क्षेत्र ऋषि कुल मैदान से ही यात्रियों को यहां तक कि पैदल यात्रियों को भी जाने नहीं दिया जा रहा है।
मीडिया कर्मियों और अखबार वितरकों को भी अनुमति नहीं है। सुबह से ही हाईवे पर जाम लगा हुआ है
श्रद्धालुओं स्नान घाटों तक कि छोटे-छोटे बच्चों के चार से 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।