पाकिस्तान के पीएम इमरान खान आज संसद में करेंगे अविश्वास प्रस्ताव का सामना

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पाकिस्तान के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री को रविवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी संभावनाएं लगातार बनी हुई हैं कि उनको सत्ता से बेदखल होना पड़े। ऐसा हुआ तो इमरान खान भी उसी फेहरिस्त का हिस्सा बन जाएंगे, जैसे बाकी प्रधानमंत्री रहे हैं। ट्रैक रिकॉर्ड यह है पाकिस्तान बनने के बाद से किसी भी प्रधानमंत्री ने पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है और बीच में सेना के जनरलों ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली।पाकिस्तानी सेना ने अपने 75 साल के इतिहास में लाेकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंककर आधे से ज्यादा वक्त तक शासन किया है। (Pakistan PM Khan today)

भारत के पड़ोस में हो रही इस उथल-पुथल के पीछे वैश्विक ताकतों का भी खेल बताया जा रहा है, जिसमें चीन और अमेरिका के बीच रस्साकशी भी है। हालांकि, अंदरूनी हालात भी कम नाजुक नहीं हैं। महंगाई और अर्थव्यवस्था की मुश्किलों अवाम को भी सरकार के खिलाफ कर दिया है। जबकि विपक्षी दल सरकार चुनने के बाद से इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी कर लगातार सक्रिय हैं।

पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल, जिनमें वाम रुझान, दक्षिणपंथी, धार्मिक, सभी 2018 से खान को हटाने के लिए रैलियां कर रहे हैं। (Pakistan PM Khan today)

उनका आरोप रहा है कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सेना की मदद से धांधली कर जीत हासिल की। अब जब हालात बेकाबू हो गए हैं और अविश्ववास प्रस्ताव लाया जा रहा है तो विपक्षी दल गठबंधन सरकार बनाने को उत्साहित हैं। उनका दावा है कि गठबंधन के साथ ही इमरान खानी की पार्टी के 17 सदस्य भी आ गए हैं। इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने को 342 सीटों वाली पाकिस्तानी संसद में 172 वोट की जरूरत है।

संसद सुबह साढ़े ग्यारह बजे से गहमागहमी के साथ शुरू हो चुकी है और अविश्वास प्रस्ताव पर नियम के हिसाब से तीन से सात दिनों तक बहस हो सकती है। हालात संभालने को संसद के बाहर सख्त पहरा है, संसद सेलकर सभी संवेदनशील सरकारी प्रतिष्ठान की सड़कों की आवाजाही बड़े-बड़े बैरीकेड और कंटीले लोहे के तार लगाकर सुरक्षाबलाें की तैनाती कर दी गई है, क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग राेकने को देशभर में उग्र प्रदर्शनों की संभावना है।

पीएम इमरान खान ने विपक्ष पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर उन्हें बेदखल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान विदेश नीति के उन विकल्पों पर न चले जो चीन और रूस के पक्ष में होते हैं।

यहां बता दें, खान अमेरिका के कथित “आतंकवाद के खिलाफ युद्ध” और वाशिंगटन के साथ उस युद्ध में पाकिस्तान की भागीदारी के कड़े विरोधी रहे हैं। (Pakistan PM Khan today)

खान ने एक मेमो प्रसारित किया है, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा है कि वाशिंगटन ने पाकिस्तान के विरोध के साथ उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रची क्योंकि अमेरिका चाहता है कि “मैं व्यक्तिगत रूप से बेदखल हो जाऊं … “।

“जब पूरी प्रक्रिया बदनाम है तो मैं नतीजे को कैसे स्वीकार कर सकता हूं?” खान ने शनिवार को अपने कार्यालय में विदेशी पत्रकारों से कहा।

“लोकतंत्र नैतिक अधिकार पर कार्य करता है – इस मिलीभगत के बाद कौन सा नैतिक अधिकार बचा है?”

उन्होंने इसे “सत्तापलट” की कोशिश करार देते हुए कहा, “मुझे हटाने का कदम घरेलू राजनीति में संयुक्त राज्य अमेरिका की साफ दखलंदाजी है।”

खान की हार से उनके विरोधियों को एक नई सरकार बनाने और अगले साल होने वाले चुनावों तक शासन करने का मौका मिलेगा। विपक्ष जल्दी चुनाव कराने का विकल्प भी चुन सकता है। (Pakistan PM Khan today)


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