द लीडर हिंदी, लखनऊ | संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक समान हैं। मुस्लिमों को भारत में डरने की जरूरत नहीं है। भागवत ने कहा कि हमें मुस्लिम वर्चस्व की नहीं बल्कि भारत वर्चस्व की सोच रखनी होगी। मोहन भागवत सोमवार को ग्लोबल स्ट्रैटजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘राष्ट्र प्रथम-राष्ट्र सर्वोपरि’ विषय पर एक संगोष्ठी में भाग लेने के लिए मुंबई पहुंचे थे, जहां उन्होंने मुस्लिम विद्वानों से मुलाकात की।
आरएसएस प्रमुख का बयान
भागवत ने कहा, ‘‘हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है। यह अन्य विचारों का असम्मान नहीं है।हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं, बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है।” भागवत ने कहा कि भारत के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
भागवत ने आगे कहा- हिंदू यह कोई जाति या भाषा वाचक संज्ञा नहीं है। यह हर व्यक्ति के विकास, उत्थान का मार्गदर्शन करने वाली परंपरा का नाम है। फिर चाहे वह किसी भी भाषा, पंथ, धर्म के हों, वे हिंदू हैं। इसलिए समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के विरुद्ध मजबूती से खड़ा हो जाना चाहिए। इससे पहले इसी साल जुलाई में गाजियाबाद में मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में RSS प्रमुख ने हिंदू-मुस्लिम का DNA एक होने की बात कही थी।
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मोहन भागवत को ओवैसी का जवाब
मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारा डीएनए टेस्ट करवा लें, हम तैयार हैं। लेकिन आप सभी को भी करना होगा, ये भी नौबत अब आ गई है। ये लोग भारत के संविधान को नहीं मानेंगे, लेकिन डीएनए टेस्ट करवाएंगे। RSS वाले इतिहास में कमजोर होते हैं। बता दें कि मोहन भागवत ने एक बयान में कहा था कि भारत में हिन्दू-मुसलमानों के पूर्वज एक ही हैं।
Live: AIMIM President Barrister @asadowaisi addressing the media in Faizabad, Uttar Pradesh. https://t.co/DPhfB6Ilbo
— AIMIM (@aimim_national) September 7, 2021
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योगी के साथ अखिलेश पर भी वार
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पार्टियां चाहती हैं कि 19 फीसदी मुसलमान इनकी गुलामी करता है, लेकिन हिस्सेदारी की बात कोई नहीं करता है। अगर अखिलेश अपनी सरकार के वक्त योगी पर केस चला देते, तो कुछ योगी कुछ नहीं कर पाते। क्योंकि ये सभी नहीं चाहते हैं कि मुसलमान आगे बढ़ें।
हिंदू-मुस्लिम पहले से ही एक, एकता की बातें भ्रामक: भागवत
यहां हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है।’ लिंचिंग के मुद्दे पर भी वो यहां तक कहते हैं कि ऐसे लोग हिंदू हो ही नहीं सकते। लेकिन, सवाल है कि क्या आरएसएस चीफ की इन अपीलों और आश्वासनों का असर भी हो रहा है या आज के माहौल में उनकी ये बातें ‘नक्कारखाने में तूती की आवाज’ बनकर रह जा रही है। ऐसे सवालों के जवाब पाने से पहले मोहन भागवत के बड़े-बड़े बयानों को जान लें।
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अफगानिस्तान से श्रीलंका तक… सबका एक डीएनए: भागवत
हमें एक राष्ट्र के रूप में संगठित रहना पड़ेगा
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारी एकता का आधार हमारी मातृभूमि और गौरवशाली इतिहास है। हमें एक राष्ट्र के रूप में संगठित रहना पड़ेगा। RSS भी यही सोच रखता है, और हम आपको यही बताने यहां आए हैं। RSS प्रमुख ने कहा कि भारत बतौर महाशक्ति किसी को डराएगा नहीं।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों को आगे आना होगाः अता हसनैन
इस संगोष्ठी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि ज्यादा विविधता से समृद्ध समाज का निर्माण होता है और भारतीय संस्कृति सभी को बराबर समझती है। हसनैन ने कहा कि मुस्लिम बुद्धिजीवियों को भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने की पाकिस्तान की कोशिश को विफल करना चाहिए।
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