BJP कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत पर मां-पत्नी का रो-रोककर बुरा हाल, चाचा बोले- परिवार में मचा है कोहराम

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जहानाबाद: पटना में पुलिस लाठीचार्ज में बीजेपी कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह की मौत पर उनके गांव में मातम का माहौल है। गांव वाले काफी दुख में हैं। विजय कुमार सिंह की मौत की खबर जब उनके जहानाबाद के कल्पा गांव पहुंची तो परिजनों ने दहाड़ मारकर रोना शुरू कर दिया। मां, बहन और उनके परिजन सहित सभी लोग दहाड़ मार कर रोने लगे। विजय कुमार सिंह जिंदा हैं या उनकी मौत हो गई। इस बात को लेकर परिजनों में संशय में दिखे।

लेकिन टीवी पर बीजेपी के तमाम नेताओं के बयान आने लगे तक उन लोगों का हाल और बुरा हो गया। विजय कुमार सिंह के चाचा ने बताया गुरुवार सुबह ही वह पटना में प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि पटना से रूपेश कुमार नाम के शख्स ने कॉल करके बताया कि विजय कुमार लाठीचार्ज में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। कुछ ही समय बाद उनके मौत की सूचना आ गई। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। चाचा संजय कुमार ने बताया कि परिवार में लोगों की हालत बेहद खराब है। उन्होंने बताया कि विजय कुमार गांव में ही रहते थे। हालांकि पार्टी के काम से वह अक्सर पटना जाते थे। बता दें कि विजय कुमार सिंह जहानाबाद जिले के बीजेपी महामंत्री थे।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गुरुवार को विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी, जिससे कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। कई के सिर फट गए तो कई की हड्डियां टूट गई। दरअसल, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता गांधी मैदान के पास एकत्रित होकर विधानसभा मार्च के लिए रवाना हुए। जैसे ही मार्च में शामिल लोग जेपी. गोलंबर के आगे बढ़े, पुलिस ने बल का प्रयोग किया।

जब मार्च डाकबंगला चौराहे पर पहुंचा तो रोकने की कोशिश की गई। वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और आंसू गैस के गोले दागे गए। इसके बाद पहले से तैनात सैकड़ों पुलिस के जवानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
इस दौरान डाक बंगला पर भगदड़ की स्थिति बन गई। डाक बंगला के पास प्रशासन द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग के पास भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश अध्यक्ष धरने पर बैठ गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या की गई है। हमलोग शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, फिर लाठीचार्ज क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि कई एमपी, एमएलए को पीटा गया। हम लोग कोई उग्र प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह मार्च भ्रष्टाचार, 10 लाख नौकरी देने के वादे और शिक्षकों के मुद्दे पर किया गया था।