द लीडर नैनीताल : उत्तराखंड में अभी 22 तक कोविड कर्फ्यू है लेकिन अगर आप स्वस्थ हैं, आरटीपीसीआर नेगेटिव है तो नैनीताल तो घूम ही सकते हैं। मजे से बोटिंग का भी आनंद लेंगे और मतलब भर की शॉपिंग भी हो जाएगी। नैनीताल के जिलाधिकारी ने 15 जून को इस बारे में आदेश कर दिए हैं। ये छूट सिर्फ नैनीताल नहीं बल्कि जिले में ताल वाले सभी शहरों के लिए है। व्यवसायियों के दबाव के बाद ये छूट दी गई है। आदेश जारी होते ही नैनीताल में फिर से चहल पहल शुरू हो चुकी है।
नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिह गर्व्याल ने 15 जून से जून प्रातः तक जनपद में लगाये गये कोविड कर्फ्यू में झीलों मे नौकायन एवं घोडा संचालन हेतु शर्ताे के साथ रियायत देते हुये एसओपी का अनुपालन करने के निर्देश संचालको को दिये। गर्व्याल ने कहा कि नैनीताल, भीमताल, नौकुचियाताल, सातताल, सरिता ताल में नाव संचालन एवं घुडसवारी प्रातः 8 बजे से सांय 5 बजे तक अनुमन्य होगा। नाव संचालक, नाविक, घोडा स्वामी तथा घुडसवार राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। नाव में चालक के अतिरिक्त दो व्यक्तियों के बैठने की अनुमति होगी, पैडल वोट मे केवल दो ही व्यक्ति बैठेंगे। नाव का पूर्ण सैनिटाइजेशन के साथ ही नाव चालक व नाव में बैठे व्यक्ति अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेंगे। सुरक्षा एवं बचाव हेतु लाईफ जैकेट का उपयोग अनिवार्य होगा तथा जैकेट व नाव दोनों को समय-समय पर सैनिटाइज करना होगा। गर्व्याल ने पुलिस क्षेत्राधिकारी, अधिशासी अधिकारी,पर्यटन अधिकारी, थानाध्यक्ष, नाव एवं घोडा संचालक समिति को निर्देश दिेये कि वे जारी निर्देशों का गम्भीरता से अनुपालन करना सुनिश्चित करेंगे। ऐसा ना होने पर आपदा प्रबन्धन एक्ट के तहत कार्यवाही भी की जायेगी.
बाकी पहाड़ में मानसून पहुंच चुका है इसलिए चारधाम वाले जिलों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर,घूमने के इच्छुक लोग अभी इंतज़ार करें। गढ़वाल में चारधाम एक्सप्रेस वे अभी सबके लिए नहीं खुला है। यूं भी भूस्खलन से सड़कें टूट रही हैं। इसलिए पहाड़ के लोग भी अभी ऐहतियात ही बरतें तो बेहतर है।