अर्धकुम्भ में खोई थी माँ पूर्ण कुम्भ में मिल गई

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द लीडर ऋषिकेश

कुम्भ में खोने बिछड़ने के किस्से हिंदी फिल्मों में खूब आते हैं। इस बार एक सच्चा किस्सा है। 2016 में अर्धकुंभ में परिवार वालों से दूर हुई एक महिला पांच साल बाद इस बार के पूर्ण कुंभ में 5 साल अपनों से मिली है। यूं ये किस्सा वैसा भी नहीं जैसा प्रचारित किया जा रहा है। दरअसल किन्हीं वजहों से घर त्यागने वाली इस महिला को अगर घर जाना होता तो पहले भी जा सकती थी । इस बार पुलिस ने उसके आई कार्ड देखकर घरवालों को बुलाया तो उसे जाना पड़ा। इस पुनर्मिलन पर पति और बेटी के आंसू बता रहे थे कि इन दोनों ने वाकई उसे इतने साल बहुत मिस किया।

हरिद्वार कुंभ मेले में उत्तराखंड पुलिस का खोया पाया केन्द्र अब तक तकरीबन 400 लापता लोगों को उनके अपनों से मिलावा चुका है। सात अप्रैल को एक यह महिला भी के सुपुर्द की गई। 2016 में अर्धकुम्भ नहाने आयी थी तब से कई जगह भटकी फिर यहीं रहने लगी थी।
इस महिला के कार्ड पर पता दर्ज है- श्रीमती कृष्णा देवी पत्नी ज्वाला प्रसाद ग्राम नदे पार पोस्ट जोगिया उदयपुर जिला सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर राह रही थी। पुलिस आजकल लावारिश लोगों की जांच कर रही है। उसके बारे में कुम्भ के खोया पाया केंद्र को सूचना दी गई और पुलिस ने घर वालों को बुला लिया।घर वालों ने बताया कि 2026 में वापस घर वापस नहीं लौटी तो उन्हें कई स्थानों पर तलाश किया फिर थक हार कर बैठ गए कि शायद जीवित नहीं है.

अब हरिद्वार कुंभ में बने खोया पाया केन्द्र ने कृष्णा देवी को उनके पुत्र दिनेशवर पाठक से संपर्क कर उसे कुंभ मेला पुलिस की सत्यापन प्रति दिखला कर उसकी माता जी के सही सलामत ऋषिकेश में होने की सूचना दी।
दिनेश्वर पाठक और उनकी बहन उमा उपाध्याय कुंभ मेला थाना ऋषिकेश पहुंचे। जहां कृष्णा देवी को उनके सुपुर्द कर दिया। कृष्णा देवी ने अपने परिजनों को बताया कि गुमशुदगी के दौरान वह हरिद्वार, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ आदि की यात्रा कर चुकी है। यानी चाहती तो गांव भी जा सकती थी लेकिन शायद मन कहीं व्यथित था। बहरहाल पति और परिजनों का विलाप देख ये माँ अपने गांव चली गई है।

 

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