शिक्षक की जंग लायी रंग, जेल गया स्कूली बच्ची को खरीदने वाला

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गोपेश्वर, चमोली उत्तराखंड

पोखरी की एक स्कूली बच्ची को शादी के नाम पर बेचने की घटना पर शिक्षक उपेंद्र सती की जंग कुछ तो असर लाई। उपेंद्र को भले ही सरकारी लोगों की धमकी मिली लेकिन पहाड़ से बच्चियों को बेचने का मुद्दा हर स्तर पर विमर्श में दिख रहा है। इस बीच 6000 में दुल्हन खरीदने वाले को देहरादून से गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया गया है।
चमोली जिले के पोखरी ब्लाक के एक गांव की नाबालिग छात्रा से शादी करने वाले गोपाल राम को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
कक्षा 8 वीं पढ़ रही बच्ची को शादी के नाम पर बेचने का वीडियो उपेंद्र सती ने सोशल मीडिया पर डाला था। वह चाहते थे कि वह सरकारी सेवा में हैं इसलिए संबंधित लोग औऱ समाजसेवी इसका संज्ञान लें। न तो कोई एनजीओ आगे आया, न सरकारी सिस्टम औऱ न ही भाजपा, कांग्रेस या यूकेडी के नेता। माकपा माले के इंद्रेश मैखुरी ने जरूर इस मामले को आगे बढ़ाया। खुद उपेंद्र सती को सरकारी सेवा में रहते हुए ऐसा करने पर डांट पडी, अपना फेसबुक एकाउंट बंद क़रने को कहा गया और फिर मुकदमा दर्ज कराने की हिदायत दी गई। वह चाहते थे कि पुलिस स्वत: संज्ञान ले लेकिन आखिर उन्हें ही वादी बनना पड़ा। शिक्षक उपेन्द्र सती ने 6 अप्रैल को राजस्व उप निरीक्षक को लिखित शिकायत दर्ज की थी ।

शिक्षक उपेंद्र सती

जिसके आधार पर गोपाल राम के विरुद्ध पोस्को अधिनियम , बाल विवाह , किशोर अधिनियम सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया । बाद में मामला रैगुलर पुलिस को सौंपा गया । पुलिस अधीक्षक यशवन्त सिंह चौहान ने विवेचना सब इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी नन्दप्रयाग पूजा मेहरा को सौंपी। थानाध्यक्ष पोखरी मनोहर भंडारी के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई। 9 अप्रैल को गोपाल राम को देहरादून से गिरफ्तार कर शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया ।
इस बीच इंद्रेश मैखुरी के पत्र का संज्ञान लेकर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिलाधिकारी चमोली से 14 वर्ष की बच्ची की 32 वर्ष के आदमी से विवाह के मामले सहित हाल के दिनों की ऐसी शादियों की पूरी जानकारी मांगी है। आयोग ने 10 बिंदुओं पर जिला प्रशासन से आख्या मांगी है और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं ।
दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा के साथ इस तरह के मामलों के लिए अलग से अपर सचिव स्तर के अधिकारी को नियुक्त क़रने की बात कही।
उपेंद्र सती सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। ऐसे मामले उन्होंने पहले भी उठाये। एक कार्यक्रम में उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हवाले से बताया कि जनवरी से अब तक चमोली जिले में बाल अपराध के 40 मामले दर्ज हो चुके हैं और पुराने 400 से ज्यादा मामले लंबित हैं।

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