कोलकाता | बंगाल में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को पहले चरण के मतदान हो चुके हैं। पहले चरण के मतदान में बंगाल में 80 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। जिस दिन बंगाल में पहले चरण के मतदान हो रहे थे उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर थे। बांग्लादेश के दौरे पर प्रधानमंत्री ने मतुआ समाज के लोगों से मुलाकात कर बंगाल में मौजूद मतुआ समाज को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया था।
पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बांग्लादेश दौरे के वक्त आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में टीएमसी ने कहा कि पीएम मोदी को 26-27 मार्च को बांग्लादेश दौरे के लिए निमंत्रण दिया गया था। उन्हें बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50वें सालगिरह के मौके और ‘बंगबंधु’ शेख मुजबीर रहमान की जन्मशतीं पर न्यौता दिया गया था।
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टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा- “पीएम मोदी के आधिकारिक दौर को लेकर हमें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि बांग्लादेश के विभाजन में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि टीएमसी, पीएम मोदी के बांग्लादेश में 27 मार्च के कार्यक्रमों पर आपत्ति जाहिर करती है। उसका बांग्लादेश की 50वां स्वतंत्रता दिवस या बंगबंधु की जन्मशती से कोई संबंध नहीं था। बल्कि, इसका पूर्ण रूप से मकसद पश्चिम बंगाल विधानसभा को लेकर जारी चुनाव के बीच कुछ निश्चित विधानसभा क्षेत्र के वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करने की मंशा रही है।”
Trinamool Congress (TMC) registers a complaint with Election Commission over, "Gross violation of democratic ethics and the Model Code of Conduct by Prime Minister during his visit to Bangladesh." pic.twitter.com/S1dDiejAqt
— ANI (@ANI) March 30, 2021
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‘बीजेपी सांसद साथ क्यों गए?’
टीएमसी ने प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी के साथ बंग्लादेश दौरे पर बीजेपी के बंगाल से सांसद सांतनु ठाकुर के जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं। टीएमसी ने कहा है, सांसद के बांग्लादेश दौरे पर जाने से यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री का यह दौरा राजनीतिक था। बीजेपी सांसद के अलावा अन्य किसी भी दल के सांसद को बांग्लादेश दौरे के लिए इनवाइट क्यों नहीं किया गया ?
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