द लीडर। आजादी के 75 साल बीत गए और इन 75 सालों में न जाने कितने विधायकों को लखनऊ मध्य विधान सभा के सराय आगा मीर मोहल्ले की जनता ने चुना और न जाने कितने ही पार्षद और विधायक इस मोहल्ले की जनता के वोट से माननीय बन गए लेकिन अफसोस की बात यह है कि, आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी जनता के वोट पाकर माननीय बनने वाले पार्षद और विधायकों को मोहल्ले की समस्याएं नजर नहीं आई।
हम बात कर रहे हैं पुराने लखनऊ के लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐशबाग बार्ड के मोहल्ला सराय आगामीर की, जहां करीब 400 मकानों में 4000 से ज्यादा लोग बसते हैं जो आजादी के 75 साल बीतने के बाद भी नारकीय जीवन जीने को बेबस है।
सीवर का गंदा पानी लोगों के घरों में आ रहा
चुनाव के समय नेता आते हैं और मोहल्ले की समस्याओं को दूर करने का झांसा देकर वोट हड़पते है और चले जाते हैं। हालात यह है कि, लखनऊ को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए जाने की बात कही जा रही है, पर सरायमीर मोहल्ले की गलियों में सीवर का गंदा पानी लोगों के घरों में दाखिल हो रहा है, इस गंदगी को साफ करने के लिए यह कोई सफाई कर्मचारी भी नहीं है। सीवर के गंदे पानी से बजबजा रहे मोहल्ला सराय अगामीर के लोग खुद ही अपने घरों में दाखिल हुए गंदे पानी को निकालने के लिए विवश है।
यह भी पढ़ें: थम गई घुंघरुओं की खनक… कथक के सरताज, पद्म विभूषण बिरजू महाराज का निधन
यहां तक कि सीवर के टूटे हुए ढक्कनों को मोहल्लावासी खुद अपने पैसे से खरीद कर लगा चुके हैं। बरसात में तो यहां घरों से निकलना दूभर हो जाता है लेकिन मौजूदा समय में बरसात का मौसम न होने के बावजूद भी लोग अपने घरों से इसलिए नहीं निकल पा रहे हैं क्योंकि सीवर का गंदा पानी न सिर्फ गलियों में भरा हुआ है बल्कि लोगों के घरों में भी दाखिल हो चुका है। असुविधाओं के बीच अपना जीवन यापन कर रहे।
राजनीतिक दलों से उठा लोगों का विश्वास
लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐशबाग वार्ड के सराय आगा मीर मोहल्ले के लोगों का कहना है कि, उनका विश्वास अब राजनीतिक दलों के नेताओं से पूरी तरह से उठ गया है। क्योंकि चुनाव से पूर्व नेता वहां वोट मांगने के लिए आते हैं और समस्याओं के समाधान के लिए वादे करते हैं और जीतने के बाद पलट कर भी नहीं देखते।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने साल 2017 में लखनऊ मध्य के विधायक कानून मंत्री बृजेश पाठक को इसलिए चुना था कि शायद पिछले विधायकों के द्वारा अनदेखी का शिकार किए गए हमारे इस मोहल्ले का विकास हो सके। लेकिन उन्होंने भी मंत्री पद पाने के बाद न खुद ही इस मोहल्ले की तरफ पलट कर देखा न ही उनका कोई प्रतिनिधि ही यहां पर आया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, ऐशबाग वार्ड की पार्षद महोदया का निधन होने के बाद लंबे समय से यहां पार्षद का उपचुनाव नहीं कराया गया। जिससे विपक्षी दल के लोग यह तर्क देते हैं कि, यहां के लोगो ने अगर मुझे पार्षद चुना होता तो इस मोहल्ले का विकास अब तक हो चुका होता।
अब जनता सोच समझकर देगी वोट
अब मोहल्ले के लोगों का कहना है कि, इस बार के चुनाव में जनता बहुत सोच समझ कर अपने बहुमूल्य वोट का इस्तेमाल करेगी ताकि उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान हो सके।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में सियासी भूचाल : जानिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने हरक सिंह रावत को क्यों किया निष्कासित ?