जानिए क्या है कोरोना का XE वेरिएंट, मुंबई शहर में मिला ये तेजी से फैलने वाला वायरस

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द लीडर | पूरे देश में जानलेवा कोरोना वायरस के मामले अब एक हजार से भी कम दर्ज हो रहे हैं, जिसके बाद देश में दो साल बाद कोरोना से संबंधित सभी पाबंदियां खत्म हो गई हैं। हालांकि फेस मास्क का इस्तेमाल करना अभी भी जरूरी है। कोरोना के घटते मामलों के बीच कोरोना के एक्सई वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। मुंबई में दक्षिण अफ्रीकी मूल की एक महिला कॉस्ट्यूम डिजाइनर एक्सई वेरिएंट से संक्रमित होने वाली भारत की पहली व्यक्ति बन गई हैं, हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं। एक्सई स्वरूप का पहला मामला ब्रिटेन में आया था। जानिए कोरोना का XE वैरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक है और इसके क्या-क्या लक्षण हैं।

XE वेरिएंट कितना खतरनाक?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, नया एक्सई वेरिएंट पहली बार 19 जनवरी को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) में पाया गया था और तब से सैकड़ों रिपोर्ट और पुष्टि की जा चुकी है। यह दो अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट बीए.1 और बीए.2 का एक म्यूटेंट हाइब्रिड है और वैश्विक स्तर पर फैल रहे मामलों के लिए जिम्मेदार है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नया म्यूटेंट ओमिक्रॉन का बीए.2 सब-वेरिएंट की तुलना में लगभग 10 फीसदी ज्यादा ट्रांसमिसिबल (तेजी से फैलने वाला) है, जो किसी भी स्ट्रेन से ज्यादा संक्रमणीय हो सकता है।


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नए घटनाक्रम ने स्वास्थ्य हलकों में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि महाराष्ट्र ठीक होने की राह पर है और चल रही तीसरी लहर के अंतिम चरण में है जो दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी। हालांकि दुनिया भर में एक्सई के फिलहाल कम ही मामले देखने को मिले हैं, लेकिन इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता का मतलब यह हो सकता है कि यह निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाता है।

क्या हैं XE वेरिएंट के लक्षण?

यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है।  22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था।

मुंबई में किस मरीज में मिला यह वेरिएंट?

XE वेरिएंट से संक्रमित मरीज 50 वर्षीय महिला हैं। उन्हें टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। यह महिला 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लौटी थीं। इसके अलावा उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। देश वापसी के दौरान उनकी रिपोर्ट निगेटिव थी।

भारत के लिए कितना खतरनाक है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन ने कहा कि XE वेरिएंट का प्रभाव डेल्टा की तरह भयानक नहीं होगा, क्योंकि देश में बड़ी आबादी का वैक्सिनेशन हो चुका है। टाटा इंस्टिट्यूट फॉर जिनेटिक्स ऐंड सोसाइटी के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने कहा कि ऐसे संकेत अभी तक नहीं हैं कि यह वेरिएंट नई लहर को जन्म दे सकता है। लेकिन मास्क समेत कोरोना से बचाव के सभी उपाय जारी रखने चाहिए।

10 गुना तेजी से फैलता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि नया सबवेरिएंट – ‘एक्सई’ – दो ओमिक्रॉन सब वेरिएंट का एक हाइब्रिड स्ट्रेन, अब तक का सबसे ट्रांसमिसिबल कोरोना वायरस स्ट्रेन हो सकता है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, शुरुआती अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बीए.2 की तुलना में यह संस्करण 10 गुना तेजी से फैलता है, जो बहुत ही संक्रामक रूपों में से एक है।

सबसे पहले ब्रिटेन में मिला

एक्सई का दुनिया में सबसे पहला मामला ब्रिटेन में 19 जनवरी को सामने आया था। ब्रिटेन में एक्सई के तब से अब तक 600 से भी कम मामले सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा,  एक्सई को लेकर अभी ज्यादा शोध नहीं हुए हैं। जब तक इसकी अन्य वेरिएंट से तुलना कर इससे होने वाले संभावित खतरों का पता नहीं लगाया जाता तब तक इसे ओमिक्रोन के वेरिएंट के रूप में ही वर्गीकृत किया जाना जारी रहेगा।

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