दुनिया में सबसे खुशहाल देशों में भारत 139वें स्थान पर : जानें पड़ोसी देश पाकिस्तान के हाल

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द लीडर | दुनिया का सबसे खुशहाल देश कौन सा है? इस सवाल का जवाब है फिनलैंड। जी हां, सबसे खुशहाल देश की रैंकिंग में फिनलैंड लगातार पांचवें साल अव्वल रहा है। इसके साथ ही शीर्ष पांच देशों में डेनमार्क, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और नीदरलैंड शामिल हैं। अमेरिका 16वें और ब्रिटेन 17वें स्थान पर हैं। अब बात करें भारत (India) की तो हमारा देश इस रैंकिंग में 139वें स्थान पर है। सबसे खास और चौंकाने वाली बात यह है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान 121वें स्थान पर है।

लेबनान जैसे देश सबसे नाखुश क्यों?

लेबनान इन दिनों आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है, यह देश सूची में 144वें स्थान पर है। जबकि जिम्बाब्वे 143वें स्थान पर है। बीते वर्ष अगस्त में तालिबान के फिर से सत्ता में आने के बाद से युद्ध से पीड़ित अफगानिस्तान, पहले से ही इस सूची में सबसे नीचे है। यूनिसेफ की ओर से अनुमान जताया गया है कि यदि मदद न दी गई तो वहां पांच साल से कम उम्र के दस लाख बच्चे इस सर्दी में भुखमरी का शिकार हो सकते हैं।


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यूक्रेन संकट से पहले बन गई थी रिपोर्ट

दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची बीते 10 सालों से तैयार की जा रही है। इसे तैयार करने के लिए लोगों की खुशी के आंकलन के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक आंकड़ों को भी देखा जाता है। इसकी गणना के लिए तीन साल के आंकड़ों को लिया जाता है। इसके साथ्ज्ञ ही खुशहाली को शून्य से 10 अंक तक के पैमाने पर आंका जाता है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले ही बनकर तैयार हो गई थी। इस वजह से सूची में रूस 80वें और यूक्रेन 98वें नंबर पर है।

इन आधारों पर तैयार की गई सूची

रिपोर्ट के सह लेखक जेफरी सैक्स ने लिखा है कि सालों से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट का बनाने के बाद यह सीखा है कि सामाजिक सद्भाव, उदारता, सरकार की ईमानदारी खुशहाली के लिए बेहद जरूरी हैं। विश्व के नेताओं को यह ध्यान रखना चाहिए। रिपोर्ट बनाने वालों ने कोरोना महामारी के पहले और बाद के समय का इस्तेमाल किया। वहीं लोगों की भावनाओं का तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए सोशल मीडिया से भी आंकड़े जुटाए। सूची में शामिल 18 देशों में चिंता और उदासी में वृद्धि देखी गई। लेकिन, क्रोध की भावनाओं में गिरावट देखी गई।

भारत के पड़ोसी देश हैं आगे

रिपोर्ट के मुताबिक सूची में पाकिस्तान 121वें पायदान पर है जबकि बांग्लादेश और चीन क्रमश: 94वें एवं 72वें स्थान पर हैं। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के लोग अपने जीवन से सबसे अधिक अप्रसन्न हैं। उनको लिस्ट में अंतिम पायदान पर जगह मिली है। इसके बाद जिम्बाब्वे (144वें), रवांडा (143वें), बोत्सवाना(142) और लेसोथो का (141वां) स्थान है। इस सूची में अमेरिका को 16वां स्थान मिला है।

खुशहाली के लिए क्या है जरूरी?

इस रिपोर्ट के सह लेखक जेफरी सैक्स के मुताबिक, सालों से वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट का बनाने के बाद यह सीख मिली है कि सोशल सपार्ट, उदारता, गवर्नमेंट की ईमानदारी खुशहाली के लिए बेहद जरूरी हैं। रिपोर्ट तैयार करनेवालों ने कोरोना के पहले और बाद के समय का इस्तेमाल किया है, जिस दौरान सरकारों के प्रति लोगों की भावनाएं महत्व रखती हैं। लोगों की भावनाओं की तुलना करने के लिए सोशल मीडिया डेटा भी लिया गया। 18 देशों में चिंता और उदासी बढ़ी, जबकि आक्रोश की भावनाएं कम हुई हैं।

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