पुनीत सेन
प्रयागराज। इफको के फूलपुर संयंत्र में दोपहर लगभग दो बजे बॉयलर फटने से कई मजदूरों के मरने और घायल होने से खबर से खलबली मच गई। खबर फैलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग इफको गेट पर पहुंच गए। हालांकि इस बात की पुष्टि खबर लिखे जाने तक नहीं हुई है कि कितने लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि काफी लोग अभी प्लांट के अंदर ही हैं। मीडियाकर्मियों को अंदर नहीं जाने दिया गया है।
स्थानीय लोग 50 लोगों के हताहत होने की बात कर रहे हैं, हालांकि स्थानीय समाचार माध्यमों में दो लोगों की मौत होने की सूचना भी प्रसारित की गई है।

हादसे की सूचना पर इफको कारखाने पहुंचे ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कमल उसरी ने बताया, हम लोग आज सुबह से ही शहीदे आज़म भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की शहादत दिवस मनाने की तैयार कर रहे थे कि अचानक दोपहर में भोजनावकाश के समय कारखाने में कार्यरत मजदूर साथियों द्वारा यह खबर आई की अंदर ब्यायलर फट गया है कई मजदूरों की मौत हो गई है और कई घायल हैं। हम सब इफको प्रशासन से हादसे के बारे में जानने की कोशिश करते रहे लेकिन प्रबंधन कतराता रहा।
उन्होंने कहा, यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी अमोनिया गैस लीक हो चुकी है, जिसमें कई मजदूर-अधिकारियों की मौत हो गई थी। कुछ महीने पहले एक बीमार मजदूर की काम के दौरान मौत हो गई, इस मामले में पहली बार इफको प्रबंधन के ऊपर एफआईआर दर्ज हुई।
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दिनभर की अफरातफरी के बाद इफको ठेका मजदूरों ने शाम पांच बजे सभा करके मृतक मजदूरों के लिए मौन रखकर श्रंद्धाजलि दी। सभा में इफको फूलपुर ठेका मजदूर संघ के नेता देवानंद ने हादसे को हत्या बताकर प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। जय प्रकाश मनोज ने कहा, इफको प्रबंधन के पास पुरस्कार बांटने, धार्मिक स्थलों के निर्माण करे चंदा देने, अधिकारियों के ऐशो आराम के लिए बजट है, लेकिन मजदूरों कर्मचारियों की जीवन रक्षा पर कोई ध्यान नहीं है।
त्रिलोकी पटेल ने कहा, जिस कारखाने का निर्माण क्षेत्र को खुशहाल बनाने के लिए किया गया था, अब वह स्थानीय लोगों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है, आए दिन अमोनिया गैस लीक होती है।
ट्रेड यूनियन महासंघ एक्टू ने शासन प्रशासन से इफको प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने, मृतक आश्रितों को स्थायी नौकरी देने, पचास लाख रुपए मुआवजा दिलाने, हादसे की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने और ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।
(पुनीत सेन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के छात्र हैं और स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं)