‘हिंदू- मुस्लिम मुद्दा नफरत और विभाजन का वायरस’ – सांप्रदायिक हिंसा पर सोनिया गांधी

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द लीडर | रामनवमी के मौके पर उसके बाद से देश के कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के लिए कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी और RSS पर हमला बोलते हुए कहा है कि आज देश में नफरत, कट्टरता, अहिष्णुता और झूठ-फरेब का बोलबाला देखने को मिल रहा है। सोनिया गांधी ने कहा है कि यह सरकार और आरएसएस मिलकर देश में जो नफरत फैल रही हैं, वो इस देश को बर्बाद कर देंगी।

इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक आर्टिकल के जरिए सोनिया गांधी ने कहा है कि इस देश में जो सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, उसके सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकार और आरएसएस जिम्मेदार हैं। सोनिया गांधी के इस आर्टिकल का शीर्षक है ‘नफरत के वायरस’।

क्या लिखा है सोनिया गांधी ने आर्टिकल में?

सोनिया गांधी ने लिखा है- “भारत की विविधिताओं को स्वीकार करने की बात कहने वाले प्रधानमंत्री आज हिंसा को रोकने में नाकाम हैं। आज यह कठोर वास्तविकता बन चुकी है कि सदियों से जो विविधिताएं हमारे समाज को परिभाषित करती आ रही हैं, उनमें अब बदलाव किए जा रहे हैं और हमें बांटने की कोशिश की जा रही है।” सोनिया गांधी ने इस दौरान सत्ता पक्ष पर विपक्षी दलों की आवाज को भी दबाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा है कि यह स्थिति देश में उन्माद पैदा कर सकती है। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत को स्थायी उन्माद की स्थिति में रखने की इस विभाजनकारी योजना में कुछ और भी घातक है। सत्ता में बैठे लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमति वाली राय को बेरहमी से दबाने की कोशिश की जा रही है।


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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि आ हर देशवासी बीजेपी और आरएसएस के द्वारा फैलाई जा रही नफरत की कीमत चुका रहा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है, “भारत की सच्ची संस्कृति साझा उत्सव, समुदाय और एकजुट रहने की है। आइए इसे बचाने का संकल्प लें”

अभद्र भाषा को नहीं रोका जाता

उन्होंने पीएम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्या बात प्रधान मंत्री को स्पष्ट रूप से और सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा के खिलाफ आने से रोकता है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से निकले? हमारे देश में इन दिनों बार-बार अपराधी खुलेआम घूमते हैं, और उनके भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं है। वास्तव में, वे विभिन्न स्तरों पर किसी प्रकार के आधिकारिक संरक्षण का आनंद लेते हैं और यही कारण है कि वे अत्याचारी और मुकदमा चलाने वाले बयानों से दूर हो जाते हैं।

हेट स्पीच के खिलाफ बोलने से पीएम को कौन रोकता है?

हेट स्पीच के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलने से प्रधानमंत्री को कौन रोकता है। बार-बार ऐसा करने वाले खुलेआम घूमते हैं और उनके भड़काऊ भाषा के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं है। वास्तव में, वे विभिन्न स्तरों पर एक तरह के आधिकारिक संरक्षण का आनंद ले रहे हैं। आज हमारे देश में नफरत, कट्टरता, असहिष्णुता और झूठ बढ़ रहा है।

अगर हम इसे अभी नहीं रोकते हैं तो यह हमारे समाज को ऐसा नुकसान पहुंचाएगा जिसकी भरपाई आसान नहीं होगी। हम इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकते और न ही देना चाहिए। झूठे राष्ट्रवाद की वेदी पर शांति और बहुलतावाद की बलि दी जा रही है और हम एक समाज के रूप में चुपचाप खड़े होकर देखते नहीं रह सकते। आइए हम नफरत की सुनामी पर काबू पाएं।

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