द लीडर हिंदी : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर पब्लिक तक बेहद मक़बूल इस्लामी स्कॉलर मुफ़्ती सलमान अज़हरी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट से बहुप्रतीक्षित फ़ैसला आ गया है. हमारे मुंबई रिपोर्टर के मुताबिक़ उनके अधिवक्ता आइएस सय्यद और मुहम्मद आरिफ़ सिद्दीक़ी गुजरात हाईकोर्ट में हैं. मुफ़्ती सलमान अज़हरी पर जूनागढ़ कलेक्टर के PASA यानी गुजरात असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम लगाने पर लंबी बहस चली है. दोनों तरफ से अपने तर्क रखे गए हैं. मुफ़्ती सलमान अज़हरी के अधिवक्ताओं ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में कहा है कि भड़काऊ भाषण देने की बात ग़लत है. वो इस्लाम का प्रचार करते हैं.
लोगों के बीच जाकर दीन की जानकारी देते हैं. ऐसे में उन पर पासा के तहत कार्रवाई किया जाना न्यायसंगत नहीं है. PASA कानून सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए बूटलेगर्स, खतरनाक व्यक्तियों, नशीली दवाओं के अपराधियों, अनैतिक तस्करी अपराधियों और संपत्ति हड़पने वालों पर लगाया जाता है. सुनवाई पूरी होने के बाद गुजरात हाईकोर्ट की बेंच ने मुफ़्ती सलमान अज़हरी पर से PASA हटाने के लिए दाख़िल की गई अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया है.
ऐसे में अभी मुफ़्ती सलमान अज़हरी को वडोडरा की जेल में ही रहना पड़ेगा. उनके अधिवक्ताओं का कहना है कि यह मामला लेकर अब वो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. मुफ़्ती सलमान अज़हरी पिछले पांच माह से जेल में बंद हैं. उन्हें मुंबई से घाटकोपर पुलिस ने डिटेन किया था. बाद में गिरफ्तारी दिखाकर गुजरात एसटीएफ के हवाले कर दिया था. मुफ़्ती सलमान अज़हरी की रिहाई को लेकर आला हज़रत की नगरी कही जाने वाली बरेली से भी आवाज़ उठ रही है.https://theleaderhindi.com/who-has-now-been-arrested-by-the-police-for-religious-conversion-in-bareilly/