द लीडर हरिद्वार
उनका नाम मदन कौशिक है। कुछ भी कर सकते हैं। अब एक सरकारी कॉलेज अपने पिता के नाम कर दिया। विरोध हो रहा है लेकिन जो हो गया वो तो अब हो गया।
उत्तराखंड में भाजपा राज हो तो उनकी हनक रहती है। हरिद्वार के तो राजा वही हैं। त्रिवेंद्र राज में नंबर टू थे त्रिवेंद्र गए तो प्रदेश भाजपा के सिरमौर बन गए।
अन्य महत्वपूर्ण विभागों के अलावा संसदीय कार्यमंत्री का काम भी संभाला। मतलब शासन के सारे कायदे जानते हैं फिर भी संवैधानिक पद न होते हुए भी सरकारी हेलीकाप्टर की सैर की और हनक से गार्ड ऑफ ऑनर भी लिया। विपक्ष एक दिन हल्ला करके चुप हो गया।
नए मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण करने और खुद मंत्री पद छोड़ने के बाद राजकीय इंटर कालेज, इमलीखेड़ा का नया नामकरण अपने पिता के नाम पर करवा दिया । 15 मार्च का शासनादेश आज मीडिया के हाथ लगा। गांव वालों तक बात पहुंची तो लोग विरोध करने सड़क पर उतरे। थोड़े से ही लोग थे। कौशिक का पुतला भी फूंका गया।
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क्षेत्र वासियों का कहना है कि पूर्व मंत्री मदन कौशिक ने राजकीय इंटर कॉलेज, इमली खेड़ा का नाम बदलकर पंडित रमेश चंद्र कौशिक राजकीय इंटर कॉलेज इमलीखेड़ा कर दिया है। ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। नाराज लोगों का यह कहना है कि जिसने यह जमीन स्कूल को दान दी थी उन्होंने आज तक अपना नाम नहीं लिया जबकि मदन कौशिक अपने पिता का नाम अमर करने के लिए जान भावनाओं का मज़ाक उड़ा रहे हैं।
फूंकने वालों में भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अभिषेक सैनी, कांग्रेस युवा नेता संजय सैनी, भारतीय किसान यूनियन अंबावत कोषाध्यक्ष प्रवीण सैनी, जिला सचिव आदेश सैनी, एडवोकेट बी डी कंवल और विकास गिरी भी शामिल रहे।