अमेरिका के इस शहर में बनी ‘मुसलमानों की सरकार’

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इस्लामोफोबिया के फैलाव के बीच अमेरिका में मिशिगन के शहर हैमट्रैक (HAMTRAMCK) अब मुसलिम नेतृत्व में आगे बढ़ेगा। नगर परिषद के लिए चुना गया पूरा नेतृत्व मुस्लिम समुदाय से है। बीते 100 साल में पहली बार इस तरह का बदलाव होने से लोग उत्साहित हैं। 99 वर्षों से ज्यादातर पोलिश-अमेरिकियों के नेतृत्व में शहर आगे बढ़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि आबादी धीरे-धीरे आधे से ज्यादा अरब-अमेरिकियों में तब्दील हो गई है, जिसने इस बदलाव का पैदा किया। (Government Of Muslims America)

हैमट्रैक के मेयर आमेर गालिब ने अरब न्यूज को बताया, “यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही, जो अरबों और अप्रवासियों के लिए पहले कभी हासिल नहीं हुई।”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है, जिन्होंने प्रेरित किया और अपनी क्षमताओं पर भरोसा दिलाया। वे इस समाज के ताने-बाने का अहम हिस्सा बन गए हैं।”

यमन में जन्मे नवनिर्वाचित महापौर आमेर गालिब कहते हैं कि यह शहर लगभग पूरी तरह से अरब प्रवासियों से बना है। जब वह 17 साल के थे, तब यहां आए। गालिब इस दो वर्ग मील के शहर को अपना मातृ शहर मानते हैं।

उन्होंने कहा, फख्र महसूस होने के साथ मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी महसूस होती है। हमें यह साबित करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है कि हम, अप्रवासी के रूप में इस देश में प्रबंधकीय, सार्वजनिक सेवा और राजनीतिक क्षेत्रों में काम कर सकते हैं और कामयाब भी हो सकते हैं। (Government Of Muslims America)

किसी भी इस्लामाफोबिक डर को दूर करते हुए ग़ालिब ने नागरिकों को आश्वासन दिया कि उन्हें सभी-मुस्लिम वाली शहर की सरकार से किसी ऐसे बदलाव की चिंता की जरूरत नहीं है। शहर के बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने के साथ लोगों की सेवा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, “कोई फर्क नहीं है, हम सभी शहर के नियमों और देश के संविधान से बंधे हैं, ऐसे कानूनों और विनियमों के साथ जिनका हम उल्लंघन नहीं कर सकते।”

“सभी धर्म सद्गुण को बढ़ावा देते हैं और हमारा मजहब भी इस्लाम अच्छाई करने, बुराई को छोड़ने, दूसरों का सम्मान करने और उनके साथ अच्छा व्यवहार करने को बढ़ावा देता है।”

हैमट्रैक मूल रूप से जर्मन किसानों द्वारा बसाया गया था। 2006 तक हैमट्रैक में ज्यादातर मध्य पूर्वी यमनी आबादी हो गई। मिशिगन विश्वविद्यालय के “बिल्डिंग इस्लाम इन डेट्रायट: फाउंडेशन/फॉर्म्स/फ्यूचर्स” परियोजना में कहा गया है कि यमनियों का आगमन 1970 के दशक में शुरू हुआ था।

अलमासमारी के अनुसार, हैमट्रैक में आने वाले पहले यमनियों में से कुछ ने कहा कि यमनी लोग पहली बार 1960 के दशक में हैमट्रैक पहुंचे। हकीम अलमासमारी ने 2006 में लिखा था कि “कई सड़कों पर खासतौर पर यमनी अमेरिकियों की आबादी है, जहां यमनी संस्कृति शहर के सामाजिक, व्यावसायिक और राजनीतिक जीवन में व्याप्त है।” (Government Of Muslims America)

कई यमनी रेस्तरां हैमट्रैक में हैं। यमनी समुदाय की मुआद बिन जबल मस्जिद की स्थापना 1976 में हुई थी। 2005 में हैमट्रैक की दक्षिण पूर्वी सीमा के ठीक बाहर तीन मील के दायरे में दस मस्जिद थीं।

“मुसलमानों के लिए प्रतिस्पर्धा: डेट्रॉइट में शहरी नवीनीकरण के लिए नई रणनीतियां” के लेखक सैली हॉवेल ने लिखा है कि 1980 के दशक की कोकीन महामारी के वक्त मस्जिदों ने सार्वजनिक जीवन की सुरक्षा और प्रशासकीय कामकाज की सहूलियत मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

2013 में चिली के कलाकार दासिक फर्नांडीज ने यमनी आबादी का जश्न मनाते हुए शीबा रेस्तरां पर 30 फुट ऊंचा आैर 90 फुट चौड़ा भित्ति चित्र बनाया। भित्ति चित्र में नीले आकाश से सजे घूंघट में एक लड़की, पगड़ी पहने एक किसान और हिजाब में एक महिला को दर्शाया गया। अरब अमेरिकी और चेल्डियन परिषद और गठबंधन वनहैमट्रैक ने भित्ति चित्र स्थापित किया। (Government Of Muslims America)

2000 के दशक में अल-इस्लाह जमी मस्जिद नाम की एक बंगाली मस्जिद ने लाउडस्पीकर से अज़ान की शहर सरकार से मंजूरी मांगी। यह हैमट्रैक में नई मस्जिदों में से एक थी। सैली हॉवेल ने अपनी किताब में लिखा है कि हैमट्रैक में इस अनुरोध के बाद “इस्लामोफोबिक भावनाओं को भड़कने का मौका मिल गया”।

मुसलमानों और अंतरधार्मिक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मस्जिद का समर्थन किया। वहीं, केंटकी और ओहियो समेत कई राज्यों के मुस्लिम विरोधी कार्यकर्ताओं ने अपना राग छेड़ दिया। (Government Of Muslims America)

2004 में नगर परिषद ने मस्जिदों को सार्वजनिक रूप से अजान के प्रसार की अनुमति मतदान कराके दी। हालांकि तमाम लोगों की इस पर आपत्ति बरकरार रही और उन्होंने विरोध जारी रखा।

2015 में ने घरों के अंदर पांच बार लाउडस्पीकर से अजान की आवाज पर आपत्ति दर्ज कराई और सुबह 6 बजे की अजान से नींद में खलल की शिकायत की। यह विवाद अभी भी बना हुआ है, जिसका असर इराक और अफगानिस्तान में युद्ध के बीच बढ़ता दिखाई दिया। शहर की नई सरकार क्या करेगी, यह भविष्य के गर्भ में है।


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