द लीडर देहरादून।
उत्तराखंड की राजधानी की विशेष पॉक्सो अदालत ने कल दुष्कर्म के आरोपी एक 15 साल के युवक को दोषमुक्त ही नहीं किया बल्कि उस पर आरोप लगाने वाली लड़की को ही बलात्कार का आरोपी करार देते हुए जेल भेज दिया।
यह अजीब सा मामला दिसंबर 2020 में शहर कोतवाली में दर्ज हुआ। एक 22 साल की लड़की ने तहरीर दी थी कि एक युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ अवैध संबंध बनाए। इस बलात्कार की वजह से वह गर्भवती हो गई। मजिस्ट्रेटी बयान में भी उसने यही आरोप दोहराए और लड़के के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा लिख लिया गया। सब इंस्पेक्टर कुसुम पुरोहित को मामले की विवेचना सौंपी गई। लड़के के परिजनों का पक्ष सुनने के बाद उन्होंने उसकी सही जन्मतिथि पता करने के लिए नगर निगम का रिकॉर्ड मंगाया तो अपराध के समय उसकी उम्र 14 साल कुछ महीने ही निकली। अदालत के समक्ष जिरह में भी यह बात जाहिर हुई कि लड़का नाबालिग है। डिफेंस ने यह बात सिद्ध करने की कोशिश की कि नाबाकिग लड़के को बहका फुसला कर और धमका कर संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। पूरा मामला सुनने के बाद कोर्ट ने 22 साल की वयस्क लड़की को एक नाबालिग किशोर के साथ बलात्कार का दोषी पाया। कोर्ट के आदेश पर लड़की के खिलाफ बलात्कार के साथ ही पॉक्सो एक्ट में भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।