द लीडर हरिद्वार। विभिन्न अखाड़ो के ध्वजों के साथ आमतौर पर एकांत में रहने वाले अवधूत- देवदूत पेशवाई बाद अपने नगा रूप में जय महाकाल के नारे के साथ झुंड में गंगा में उतरे तो पानी में अमृत उतर आया। हिन्दू आस्था के अनुसार यह अमृत वर्षा ही कुम्भ का आनंद है।
इस बार सरकारी नोटिफिकेशन के बिना है चल रहा कुम्भ आज पहले शाही स्नान के बाद शबाब पर आया। देहरादून में मुख्यमंत्री ने सुबह सबसे पहले कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा की उसके बाद अखाड़ों की पेशवाई के दौरान पुष्प वर्षा के लिए हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गई।
सभी अखाड़े सुबह से तैयार थे। 11:00 बजे से हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड में सभी सन्यासी अखाडों का महाशिवरात्रि का स्नान हुआ। प्रशासन ने सुबह 7 बजे तक ही ब्रह्मकुंड क्षेत्र में आम श्रद्धालुओं के लिए स्नान करने की व्यवस्था रखी है । 8:00 बजे के बाद इस क्षेत्र में आम श्रद्धालुओं का जाना रोक दिया गया।
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सबसे पहले हरकी पैड़ी पर सुबह 11 बजे श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा आह्वान अखाड़ा अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़े स्नान को गए। उसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा और उसके बाद आखिर में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा और श्री अटल पंचायती अखाड़ हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करेंगे । सुबह 9 बजे जूना अखाड़ा के नागा साधू हर की पैड़ी के लिए निकल पड़े थे। उधर हरिद्वार के सभी घाटों पर आम लोगों के स्नान का क्रम जारी है।