The leader hindi: देश में कोरोना के बाद अब नए वायरस से सभी को चिंता सता रही है। इसी बीच मंकीपॉक्स ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। जहां 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला केस मिला था ,जिसके बाद 18 जुलाई को दूसरा और 22 जुलाई को तीसरा केस सामने आया था।
अब देश की राजधानी दिल्ली में भी मंकीपॉक्स ने पैर पसार लिए हैं। मंकीपॉक्स से पीड़ित मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। यह मरीज दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जिसकी उम्र 31 साल है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मरीज में संक्रमण की पुष्टि करते हुए बताया कि उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है ,इसका मतलब अब तक मिले 4 मरीजों में यह पहला ऐसा केस है जिसका कोई ट्रैवल बैकग्राउंड नहीं है। इस मरीज को तेज बुखार और स्किन में घावों के बाद भर्ती कराया गया था।
अब आपको बताते हैं कि मंकीपॉक्स क्या है?
दुनिया में मंकीपॉक्स का वायरस अफ्रीका से फैला है। 2003 में अमेरिका में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे जिसके बाद सितंबर 2018 में इजरायल और ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के केस मिले थे। मई 2019 में सिंगापुर में भी नाइजीरिया की यात्रा कर लौटने वाले लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ( CDC) के मुताबिक पहली बार यह बीमारी 1958 में सामने आई थी ,तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में यह वायरस मिला था जिसकी वजह से इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया ।
इन बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण देखने को मिले थे
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इंसानों में मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में सामने आया था ,तब कांगो के रहने वाले 9 साल के बच्चे में यह वायरस मिला था और 1970 के बाद 11 अफ्रीकी देशों में इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के कई मामले सामने आए थे।