द लीडर हिंदी : किसान आंदोलन 2.0 लगातार जारी है. सरकार और किसान के बीच बातचीत दौर चल रहा है.जिसको लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों के प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि किसानों के साथ किसानों के मुद्दे पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. किसानों को समझाया गया है कि चर्चा के जरिए हल निकाला जाएगा. ‘समाधान ऐसा हो जो सबके हित्त में हो’. बता दें लगातार अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील कर रहे है.
वही कृषि मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने किसानों को बताया है कि केवल चर्चा से ही इस मामले का हल निकाला जाएगा. हमें एक साथ मिलकर हल निकालना चाहिए, जिससे की ये सबसे लिए फायदेमंद हो. मुझे उम्मीद है कि एकसाथ हम हल निकाल लेंगे.किसानों के पिछले 10 दिन से चल रहे आंदोलन पर बोले कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने आगे कहा मैं कहूंगा कि कई दौर की बातचीत में कुछ बातों की सहमति में और मेहनत करना पड़ेगा.
किसान दिल्ली कूच पर अड़े हुए जिसको लेकर अर्जुन मुंडा ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हुई. कुछ मुद्दों की सहमति के लिए दोनों पक्षों को और मेहनत करनी होगी.उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार किसानों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और वह ऐसा ही कर रही है.
सरकार जल्द की कोई नतीजा निकालेगी. बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा उठाई गई मांगों से निपटने के दौरान देश भर के किसानों के हित को ध्यान में रखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने किसानों से अपील की थी कि वे चर्चा के एक और दौर के लिए आएं.
नहीं बनी बात. तो हिंसक हुआ किसान आंदोलन
देश में इनदिनों किसान आंदोलन 2.0 चल रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आठ दिनों से शंभू और दातासिंह वाला बॉर्डर पर डटे किसानों ने बुधवार सुबह दिल्ली कूच का प्रयास किया.वही जवाब में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले बरसाए और रबड़ की गोलियां भी चलाईं.
तब दातासिंह वाला बॉर्डर पर दो किसान गोली लगने से जख्मी हो गए, जिनमें से बठिंडा के गांव बल्लोंके के युवा शुभकरण (23) की मौत हो गई. दूसरे किसान संगरूर के नवांगांव के प्रीतपाल सिंह को भी गंभीर चोट आई है.उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती किया गया है.शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस प्रशासन के बीच बवाल जारी है. किसान जैसे ही एक कदम आगे बढ़ाते हैं, उन पर एक बार में कम से कम 25 से 30 आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं