Facebook बदलने जा रहा अपना नाम, जानिए क्यों

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वर्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक अगले हफ्ते खुद को एक नए नाम के साथ रीब्रांड करने की योजना बना रहा है, ताकि मेटावर्स के निर्माण पर अपना ध्यान केंद्रित किया जा सके। सीईओ मार्क जुकरबर्ग 28 अक्टूबर को कंपनी के वार्षिक कनेक्ट सम्मेलन में नाम परिवर्तन के बारे में बात करने जा रहे हैं। (Facebook Change Name)

रिपोर्ट के अनुसार, नाम परिवर्तन का मकसद टेक दिग्गज की महत्वाकांक्षा को सोशल मीडिया के जरिए और ज्यादा गहराई से पैठ बनाना होगा। रीब्रांड संभवतः ब्लू फेसबुक ऐप को इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, जैसे ऐप मूल कंपनी के तहत कई उत्पाद एक प्लेटफाॅर्म पर हो सकते हैं।

फेसबुक के पास पहले से ही हार्डवेयर का निर्माण करने वाले 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, जिनकी बदौलत स्मार्टफोन के नेटवर्क से सर्वव्यापी बिजनेस नेटवर्क बनाया जा सकता है।

2004 में सोशल नेटवर्क के सह संस्थापक जुकरबर्ग ने कहा है कि फेसबुक के भविष्य की कुंजी मेटावर्स अवधारणा है- यह विचार कि उपयोगकर्ता वर्चुअल ब्रह्मांड के अंदर रहेंगे, काम करेंगे और सभी तरह की कसरत करेंगे। कंपनी के ओकुलस वर्चुअल रियलिटी हेडसेट और सेवा उस दृष्टि को साकार करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। (Facebook Change Name)

जुकरबर्ग ने जुलाई में कहा था, “आने वाले वर्षों में मुझे उम्मीद है कि लोग हमें मुख्य रूप से एक सोशल मीडिया कंपनी के रूप में देखने से ज्यादा एक मेटावर्स कंपनी के रूप में देखेंगे।” “कई मायनों में मेटावर्स सामाजिक प्रौद्योगिकी की शीर्ष अभिव्यक्ति है।

फेसबुक ने जुलाई में यह भी कहा कि वह मेटावर्स पर काम करने के लिए एक उत्पाद टीम बना रहा है जो इसकी वास्तविकता और आभासी वास्तविकता समूह का हिस्सा होगा। नई नौकरियों के लिए यह निवेश यूरोपीय तकनीक उद्योग की ताकत के साथ फेसबुक रियलिटी लैब्स, इसकी वास्तविकता और समूह की क्षमता में भरोसेमंद होगा।” (Facebook Change Name)

शब्द “मेटावर्स” नील स्टीफेंसन द्वारा 1992 के उपन्यास स्नो क्रैश में गढ़ा गया था, जिसमें वास्तविक लोगों के अवतारों को 3डी आभासी दुनिया जैसा दिखाया गया।

कई विज्ञान कहानियों में भी मेटावर्स जैसी प्रणालियां शामिल हैं (उनमें से कुछ स्नो क्रैश से पहले की हैं)। लेकिन अर्नेस्ट क्लाइन के 2011 के उपन्यास रेडी प्लेयर वन में स्टीफेंसन की पुस्तक मेटावर्स खासी चर्चित है।

वास्तविक “मेटावर्स” की कोई सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत परिभाषा नहीं है, सिवाय इसके कि यह इंटरनेट का एक कट्टर उत्तराधिकारी है। विभिन्न तकनीकी दिग्गजों की मेटावर्स की अलग-अलग व्याख्या है। (Facebook Change Name)

फेसबुक ‘मेटावर्स’ को “वर्चुअल स्पेस का एक सेट” के रूप में होगा, जहां वह बहुत कुछ ऐसा होगा, जिसको शायद आप हकीकत में करने की कल्पना ही कर सकते हैं।


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