दिल्ली: धमकी वाले ईमेल को रूसी वीपीएन के जरिए भेजा गया था, कौन है इसके पीछे?

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द लीडर हिंदी: दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा स्कूलों को ईमेल के जरिए बम की धमकी मिलने पर हड़कंप मच गया था. सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी. पुलिस, स्पेशल सेल समेत सभी एजेंसियां जांच में जुट गई थी.पूरी राजधानी में खलबली सी मच गई थी. इसी बीच खबर मिल रही है दिल्ली-एनसीआर स्कूलों में बम रखे होने की सूचना देने वाले मेल विदेश से किए गए हैं. इसमें रूस के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल किया गया है.

अभी यह पता नहीं चल सका है कि मेल किस देश से की किया गया है. इसको पता करने की तकनीकी प्रक्रिया जटिल होने से अगले दो-तीन दिन में ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि स्कूलों में बम रखे होने की सूचना देने वाले मेल किस देश से किए गए हैं. पुलिस अफसरों ने बताया कि इंटरनेट तो रूसी है, लेकिन इसका इस्तेमाल दुनिया के किसी भी कोने से किया जा सकता है. इसलिए जिस डिवाइस यानी फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर से इसे भेजा गया है. लेकिन इतना तय है कि मेल भारत से नहीं किए गए हैं. बुधवार तड़के भेजी गई मेल एक ही आईडी से की गई है.मिली जानकारी के मुताबीक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है. पुलिस मुकदमे में आईटी एक्ट के अलावा आईपीसी की दूसरी धाराएं भी लगा सकती है.

बता दें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेल भेजने वाले आरोपी ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल किया है. इससे वह आईपी एड्रेस छिपाया जा सकता है, जिससे मेल किया गया है. यह हैकर्स की गतिविधियों पर नजर रखने और डेटा चुराने वाले थर्ड-पार्टी और साइबर अपराधियों से आपकी रक्षा करता है. वीपीएन का उपयोग करने से वेबसाइट ब्लॉक और फायरवॉल से बच सकते हैं.

वही इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आप भारत में बैठकर ऑस्ट्रेलियाई वीपीएन टूल का उपयोग कर रहे हैं. तो आपके मूल आईपी एड्रेस की सुरक्षा करते हुए, आपके डिवाइस के खिलाफ एक प्रॉक्सी ऑस्ट्रेलियाई आईपी एड्रेस बना देता है. इसका मतलब यह है कि कोई भी थर्ड-पार्टी वेबसाइट या यहां तक कि आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर आपके डेटा लेनदेन को देख या ट्रैक नहीं कर सकता है. दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा एजेसियां वीपीएन को तोड़कर ओरिजनल आईपी एड्रेस का पता लगा सकती है.

टेक्नोलॉजी इतनी हाई हो चुकी है. कि देश-विदेश के किसी कोने से कोई भी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. हालांकि, यह प्रक्रिया काफी लंबी होती है. खबर मिलने के बाद शुरुआत में बम व डॉग स्क्वायड और लोकल पुलिस स्टाफ को स्कूल में भेजा. कॉल्स की संख्या बढ़ी तो स्कूल खाली करवाने के लिए कहा गया. ज्यादातर स्कूल प्रशासन ने बच्चों को क्लास रूम से निकालकर सुरक्षित मैदान में पहुंचा दिया. बाद में उनके माता-पिता स्कूल पहुंचे तो बच्चों को उनके हवाले कर दिया गया. हर जिले में बम और डॉग स्क्वायड की एक-एक टीम के होने की वजह से तलाशी अभियान में थोड़ी दिक्कत हुई. देर शाम तक स्कूलों में तलाशी अभियान जारी रहा. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने एरिया में स्कूलों का इंतजाम देखने के लिए कहा. पुलिस ने बच्चों को सुरक्षित निकालने में मदद भी की.

वही दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा आज सुबह कुछ स्कूलों में बम रखा होने की सूचना मिली थी. सभी छात्रों को बाहर निकाल लिया गया. दिल्ली पुलिस ने उन स्कूल परिसरों की तलाशी ली. किसी भी स्कूल में कुछ नहीं मिला. हम पुलिस और स्कूलों के साथ लगातार संपर्क में हैं.

भीड़ भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई
बता दें राजधानी के स्कूलों में बम की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. आईजीआई एयरपोर्ट, नई व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, कश्मीरी गेट व आनंद विहार बस अड्डा, धौला कुआं, कनाट प्लेस, करोल बाग, चांदनी चौक, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर में पुलिस मुस्तैदी बरत रही है.

वही पुलिस के मुताबीक जिस तरह सिलसिलेवार ढंग से स्कूलों से सूचना मिल रही थी, उससे आशंका थी कि कहीं शरारती तत्व मामला डायवर्ट करने की फिराक में तो नहीं हैं.अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए भीड़ वाली जगहों पर चौकसी बढ़ा दी गई. तमाम जगहों पर अतिरिक्त पुलिस को तैनात कर संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है. लोगों से भी अपील की गई है कि अगर वे आसपास कुछ भी संदिग्ध वस्तु या कोई व्यक्ति देखें तो पुलिस को तुरंत सूचना दें.