Corona Alert: तीसरी लहर से पहले ट्रिपल म्यूटेशन वाले तीसरे वेरिएंट Delta+ ने पांव पसारे

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द लीडर डेस्क।

अभी तक इंडियन वेरिएंट के बाद डेल्टा वेरिएंट नाम पे चुके B.1.617 .2 की दहशत के चर्चे थे अब तो इसका भी नया रूप सामने आ गया। ट्रिपल म्युटेशन के बाद बने इस वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO से Delta + और AY.1 का नाम मिला है। अमेरिका, एशिया और यूरोप के 10 देशों में इसकी शिनाख्त हो चुकी है, इनमें भारत भी एक है। इसमें K417N म्युटेशन का पता चला है।
भारत में भी कोरोना महामारी की दूसरी लहर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वैरिएंट ने अपना स्वरूप बदल दिया। ये और अधिक घातक माना जा रहा है। इसने एक बार फिर दुनियां के सारे देशों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में केंद्र सरकार देश में लग रही ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल घटाने पर एक बार फिर से विचार कर रही है।
देश में बढ़ते मामलों के पीछे अभी तक डबल म्यूटेशन वाले वेरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा था। अब माना जा रहा है कि भारत में कोरोना के ट्रिपल म्यूटेशन वाले वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। इसे डेल्टा प्लस वैरिएंट कहा गया है।
ट्रिपल म्यूटेशन यानी कोरोना के तीन अलग-अलग स्ट्रेन का मिलकर एक नया वेरिएंट बनना। देश के कुछ हिस्सों में कोरोना का यह ट्रिपल म्यूटेशन वेरिएंट मिलने की खबर है। एक एजेंसी के मुताबिक, महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह ट्रिपल म्यूटेंट वायरस मिला है। विशेषज्ञ इसे लेकर कई दौर की बैठकें भी कर चुके हैं। ताकि जिनको सबसे अधिक खतरा है, उनको कम अंतराल पर टीका दिया जा सके। वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल घटाने से इस वैरिएंट की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सकता है।
इससे पहले 13 मई को ही केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच के अंतराल को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था। इसको लेकर ब्रिटेन के डेल्टा वेरिएंट का हवाला दिया गया था। इसके तीन दिन बाद ही ब्रिटेन ने खुद अंतराल घटाकर 12 से 8 हफ्ते कर दिया। डेल्टा वैरिएंट के खतरे को भांपते हुए यह अंतराल 50 या उससे ज्यादा आयु के लोगों के लिए घटाया गया। ब्रिटेन में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट फिर से फैलने लगा है। और अब वहां भी नए म्युटेशन की खबर के बाद लॉक डाउन बढ़ा दिया गया है
ब्रिटेन के सोमवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक, जिन लोगों ने ऑक्सफोर्ड-ऐस्ट्राजेनेका के टीके की दोनों खुराकें ले ली हैं, उन्हें अस्पतालों में भर्ती नहीं होना पड़ा। जिन लोगों ने सिर्फ एक खुराक ली है, उन लोगों में अस्तापताल में भर्ती होने की आशंका ज्यादा रही। सोमवार को ही ब्रिटेन में टीके के बीच का अंतराल 40 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए भी घटा दिया गया।
अब भारत में भी विशेषज्ञ सरकार से कोविशील्ड की दो खुराकों के अंतराल को घटाने के लिए कह रहे हैं। डेल्टा वैरिएंट को ही यहां भी सबसे खतरनाक स्ट्रेन माना जा रहा है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि 8 हफ्ते के अंतराल पर विचार चल रहा है। एक बार फैसला होने पर यह मामला नेशनल ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 के पास जाएगा।
वैक्सीन को लेकर कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा कहते हैं, ”हम अंतराल की समीक्षा करने को तैयार हैं। यह एकदम गलतफहमी है कि हम अंधे होकर पश्चिम का अनुसरण कर रहे हैं। सच यह है कि हम वैक्सीन से जुड़े फैसले लेने के लिए तमाम देशों में हो रहे अध्ययनों पर ध्यान दे रहे हैं। हम भारत में 4 हफ्ते के अंतराल पर टीका दे रहे थे, जब ब्रिटेन में यह अंतराल 12 हफ्ते था। इसलिए लोगों को लगा कि हमने ब्रिटेन के पीछे-पीछे चलकर अंतराल बढ़ाया, लेकिन हमारे फैसले उन आंकड़ों पर होते हैं, जो हमारे लोगों के लिए सबसे बेहतर हों।

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