द लीडर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 6 साल के अंतराल के बाद आयोजित कराया गया। इस सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमण भी शामिल रहे। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को CJI रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को बयान जारी कर बताया कि सम्मेलन कार्यपालिका और न्यायपालिका के जरिए न्याय को सरल और सुविधाजनक बनाने की रूपरेखा तैयार करने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इसमें न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों पर भी चर्चा हुई।
Delhi | PM Narendra Modi, Union Minister of Law & Justice Kiren Rijiju and Chief Justice of India NV Ramana attend the Joint Conference of CMs of States & Chief Justices of High Courts at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/cmawTEOWOl
— ANI (@ANI) April 30, 2022
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प्रधानमंत्री ने किया सम्मेलन का उद्घाटन
मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री ने अप्रासंगिक कानूनों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 2015 में हमने करीब 1800 ऐसे कानूनों को चिन्हित किया था जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से केंद्र ने 1450 कानूनों को खत्म कर लोगों को राहत दी है। लेकिन राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने अदालतों को भी अपने कामकाज में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की भी बात कही।
2016 को आयोजित किया गया पिछला सत्र
इससे पहले यह सत्र 24 अप्रैल 2016 को आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक बीते 6 वर्षों में केंद्र सरकार ने ‘ईकोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट’ के तहत अदालती प्रक्रियाओं के बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए कई पहल की हैं। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित कई मुख्यमंत्रियों शामिल होंगे। सम्मेलन के एजेंडे में CJI एनवी रमण ने ‘अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास’ के प्रस्ताव को शामिल करने के लिए कहा था, जिसे एजेंडा का हिस्सा बनाया गया है।
मुख्य न्यायाधीश ने लक्ष्मण रेखा की याद दिलाई
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा, लक्ष्मण रेखा का ध्यान सबको रखना चाहिए। अगर कुछ भी कानून के अनुसार हो तो न्यायपालिका कभी भी शासन के रास्ते में नहीं आएगी। यदि नगर पालिकाएं, ग्राम पंचायतें अपने कर्तव्यों का पालन करती हैं। अगर पुलिस ठीक से जांच करती है और अवैध हिरासत की यातना समाप्त होती है, तो लोगों को अदालतों की ओर देखने की जरूरत ही नहीं होगी।
हाईकोर्ट में 126 रिक्तियों को भरा गया
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा था कि हमारे सामूहिक प्रयासों की बदौलत एक साल से कम के समय में हमने हाई कोर्ट में 126 रिक्तियां भरी हैं। अभी हम 50 और रिक्तियां भरने की उम्मीद कर रहे हैं। ये कारनामा हमने आपके पूरे दिल से सहयोग और संस्था के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ही कर पाया है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से जल्द से जल्द बाकी बची हुईं रिक्तियां भरने का निवेदन भी किया।
1953 में हुई था मुख्य न्यायाधीश की पहला सम्मेलन
मुख्य न्यायाधीश का पहला सम्मेलन साल 1953 के नवंबर महीने में हुआ था और तब से लेकर अब तक इस तरह के 38 सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं। साल 2016 में आखिरी सम्मेलन हुआ था। सीजेआई रमण के प्रयासों के कारण देश के मुख्य न्यायाधीश के साथ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों का साझा सम्मेलन 6 साल के लंबे अतंरात के बाद संभव हो पाया है।