द लीडर : इजरायल (Israel) और फ़लस्तीनी चरमपंथी हमास (Hamas) के बीच संघर्षविराम हो गया है. गाजा (Gaza) में 11 दिनों से जारी युद्ध से बड़े पैमाने पर विनाश हुआ. इजराइल में भी जनजीवन ठप हो गया है.
दोनों पक्षों ने 11 दिन की लड़ाई के बाद आपसी सहमति से संघर्ष विराम का फ़ैसला किया. इस दौरान 240 से ज़्यादा लोग मारे गए जिनमें ज़्यादातर मौतें गाजा पट्टी में हुईं.
some of which are unprecedented. The political leadership emphasizes that it is the reality on the ground that will determine the future of the operation. (3/3)
— Israel Foreign Ministry (@IsraelMFA) May 20, 2021
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने सुरक्षा मंत्रिमंडल की देर रात तक चली बैठक के बाद संघर्ष विराम की घोषणा करती है. पीएम ऑफिस की ओर से कहा गया कि मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से गाजा में संघर्ष विराम के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है.
हमास के एक अधिकारी ने भी पुष्टि की कि संघर्ष विराम पर सुलह आपसी रज़ामंदी से और एक साथ हुई. शुक्रवार तड़के स्थानीय समय के अनुसार रात दो बजे से संघर्ष विराम लागू हो गया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बाद में कहा कि इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने उनसे युद्धविराम के पालन के समय की पुष्टि कर दी थी.
इजरायल की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सैन्य प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आदि अधिकारियों ने प्रस्ताव को स्वीकार करने की सिफारिश की थी. इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने ट्विटर पर लिखा कि “ गाजा पट्टी इलाके की वास्तविकता ऑपरेशन्स की निरंतरता को तय करेगी.”
10 मई को शुरू हुआ था संघर्ष
इजरायल और चरमपंथी संगठन हमास के बीच खूनी संघर्ष यरुशलम में पिछले लगभग एक महीने से अशांति के बाद छिड़ा था. पूर्वी यरुशलम के शेख़ जर्रा इलाक़े से फ़लस्तीनी परिवारों को निकालने की धमकी के बाद तनाव फैला शुरू हो गया था. जिन्हें यहूदी अपनी ज़मीन बताते हैं और वहाँ से अरब आबादी वाले लोगों को निकाल कर खुद बसना चाहते हैं .
इसके कारण 7 मई को यरुशलम की अल – अक़्सा मस्जिद के पास प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गई. फिर इजरायल के कई इलाकों में यहूदियों और अरब आबादी के बीच में तनाव बढ़ता चला गया.
इसके विरोध में 10 मई को फलस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास की ओर से इसराइल पर चेतावनी देते हुए रॉकेट से हमले किए गए. इजरायल के डिफेंस सिस्टम आयरन ड्रोम हमास के अधिकांश रॉकेट हवा में ही नष्ट कर दिए. इसके बाद इजराइल की ओर से भी जवाबी हमले में मिसाइलों से गाजा पट्टी को निशाना बनाया गया. इससे गाजा में काफी तबाही हुई.
अल अक्सा मस्जिद को लेकर है विवाद
विवाद का सबब अलअक्सा मस्जिद है, जिसे मुसलमान और यहूदी दोनों पवित्र स्थल मानते हैं. 1967 के मध्य पूर्व युद्ध के बाद इसराइल ने पूर्वी यरुशलम को नियंत्रण में ले लिया था. इजरायल पूर्वी यरूशलेम को अपनी राजधानी बताता है.
हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसकी हिमायत नहीं करता. इजरायल पूर्वी यरूशलम से अरब आबादी के लोगों को बेदखल करके यहूदियों को बसाना चाहता है. जिसे लेकर विवाद लंबे अरसे से चल रहा है.
अक्तूबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक शाखा यूनेस्को की कार्यकारी बोर्ड ने एक विवादित प्रस्ताव को पारित किया था. इसमें कहा था कि यरुशलम में मौजूद ऐतिहासिक अल-अक़्सा मस्जिद से यहूदियों का कोई ऐतिहासिक जुड़ाव नहीं है. अलअक्सा मस्जिद पर मुसलमानों का हक है.
इसके उलट अल अक्सा मस्जिद यहूदियों के एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल का दर्जा रखता है यहूदी उसे टेंपल माउंट के नाम से भी पुकारते हैं.