अब संयुक्त अरब अमीरात और कनाडा ने भी कोरोना के चलते भारत पर लगाया यात्रा प्रतिबंध

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दुबई/ टोरंटो 

ब्रिटेन की रेड लिस्ट में भारत आ ही गया है, न्यूजीलैंड, हंगकॉग, अमेरिका आदि कई देशों के बाद अब कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात ने भारत पर ट्रैवल बैन लगा दिया है। इस फैसले की वजह से वहां जाने की तैयारी कर चुके लोग बेहद परेशान हैं।
कनाडा ने भारत और पाकिस्तान पर गुरुवार से 30 दिन का यात्रा प्रतिबंध लगाया है ।वहां के परिवहन मंत्री ओमर अलगाब्रा ने बताया कि अभी माल वाहक विमान चलते रहेंगे। कनाडा के
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 100 में से 20 नए मामले भारत से आ रहे हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव बता रहे हैं कि देश में इंडियन वैरिएंट के 203 मामले सामने आ चुके हैं इसलिए भारत को रेड लिस्ट में डाल दिया गया है।
इजराइल ने भी अपने नागरिकों के लिये एक एडवाइज़री जारी की है जिसमें उन्हें ब्राज़ील, भारत दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको और तुर्की न जाने को कहा है।
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक सयुंक्त अरब अमीरात ने रविवार से दस दिनों के लिए भारत से यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है। ये बैन शनिनार की रात 11.59 मिनट पर यानी 24 अप्रैल की रात 12 बजे से शुरू होकर दस दिन तक चलेगा। दस दिनों बाद स्थिति की समीक्षा कर इस पर आगे फैसला लिया जाएगा। यूएई के नागरिकों, राजनयिक पासपोर्ट धारक और सरकारी प्रतिनिधिमंडल को उपरोक्त शर्तों से छूट दी गई है।
हांगकांग ने भारत से आने वाली उड़ानों पर 20 अप्रैल से तीन मई तक रोक लगा दी है। सउदी अरब की ओर से फरवरी के महीने में भारत से आने वाले लोगों पर बैन लगा दिया था। न्यूजीलैंड ने 8 अप्रैल को भारत से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी थी. अमेरिका, ओमान और पाकिस्तान ने भी भारत के यात्रियों पर कई पाबंदियां लगाई हैं।

चीन ने कहा भारत की मदद करेंगे

बीजिंग से खबर है कि चीन कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में भारत की हर संभव मदद को तैयार है। नई दिल्ली से जुड़े एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि कोरोना महामारी पूरी मानवता के लिए शत्रु है, जिससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और पारस्परिक सहायता की आवश्यकता है। इस मुश्किल समय में हम भारत की मदद करने को तैयार हैं।
वांग वेनबिन ने कहा कि हमें भारत में बिगड़े हालात और चिकित्सा आपूर्ति की अस्थायी कमी के बारे में पता चला है। हम सभी का लक्ष्य कोरोना को हराना है और उसके लिए हम अपने पड़ोसी की मदद को तैयार हैं।
चीन की यह पेशकश ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने वैक्सीन के लिए कच्चा माल देने की भारत की अपील पर हाथ खड़े कर दिए थे।