द लीडर हिंदी: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आज मंगलवार, 28 मई को बड़ी राहत मिली है. जुलाई 2002 में डेरा मैनेजर रंजीत सिंह हत्याकांड मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को बरी कर दिया है. चार अन्य दोषियों को भी हाईकोर्ट ने बरी किया है. बता दें रणजीत सिंह डेरा के पूर्व प्रबंधक थे, जिनकी हत्या कर दी गई थी.
इस हत्याकांड के मामले में राम रहीम को उम्रकैद की सजा मिली थी, जिसके खिलाफ राम रहीम ने अपील दाखिल की थी. राम रहीम को पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर 2021 उम्रकैद की सजा में सुनाई थी. बता दें साल 2002 में यह हत्याकांड हुआ था और बाद में मामला सीबीआई को सौंपा गया था.
जानकारी के मुताबीक 22 साल पुराना यह मामला है.जिसमें 19 साल बाद सीबीआई कोर्ट ने डेरा मुखी राम रहीम को दोषी करार दिया था. राम रहीम फिलहाल, जेल में बंद है .और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और दो साध्वियों के दुष्कर्म के मामले में उसे सजा हुई है.
कोर्ट ने 22 पुराने हत्या के मामले में चार अन्य दोषियों को भी बरी किया है. हालांकि राम रहीम अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. रेप और पत्रकार की हत्या मामले में हाईकोर्ट में राम रहीम की अपील अभी भी लंबित है. ऐसे में राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल ही रहना होगा.
राम रहीम 22 साल पुराने हत्या के मामले में हुए बरी
बता दें राम रहीम ने डेरा के मैनेजर रणजीत सिंह की 2002 में गोलीमार कर हत्या कर दी गई थी. इसी मामले में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को 18 अक्टूबर 2021 को दोषी ठहराया गया था. इस मामले में कोर्ट ने राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अब चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को बदल दिया है.
हाईकोर्ट ने पलटा CBI कोर्ट का फैसला
बताते चले गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसको लेकर आज हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए करते हुए डेरा प्रमुख सहित पांच दोषियों को बरी कर दिया. इस मामले में अन्य आरोपी अवतार सिंह, सबदिल सिंह, कृष्णलाल और जसबीर सिंह हैं. हालांकि एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो चुकी है.
जानें पूरा मामला
जेल में बंद डेरा प्रमुख राम रहीम ने डेरा की प्रबंधन समिति के सदस्य रणजीत सिंह की 10 जुलाई, 2002 में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने के बाद रणजीत सिंह के बेटे ने 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की और यह मामला सीबीआई को सौंपा गया. सीबीआई की विशेष कोर्ट 2021 में राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया.वही इस मामले में 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे.अब हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसला को बदल दिया है.