द लीडर | पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 वीआईपी (VIP) लोगों की सुरक्षा तत्काल प्रभाव से हटा ली है। पंजाब सरकार द्वारा जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें धर्मगुरु, नेता से लेकर रिटायर्ड हो चुके पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं। जिन हस्तियों की सुरक्षा हटाई गई है उनमें प्रमुख नाम श्री अकाल तख्त साहिक के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और राधास्वामी डेरा ब्यास के संचालक समेत कई पूर्व विधायक और पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं। सभी गनमैन पंजाब आर्म्ड पुलिस के कमांडो हैं। जिन्हें वापस जालंधर कैंट स्थित स्टेट आर्म्ड पुलिस में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
Punjab | Security cover of 424 people withdrawn with immediate effect and the concerned Police personnel directed to report to Spl DGP State Armed Police, JRC at Jalandhar Cantt today.
These 424 people include retired Police officers, religious leaders and political leaders.
— ANI (@ANI) May 28, 2022
पंजाब में भगवंत मान सरकार द्वारा नेताओं को मिले सुरक्षा कवच में लगातार कटौती की जा रही है। इससे पहले भी भगवंत सरकार तीन बार वीआईपी की सुरक्षा में कटौती कर चुकी है। जिसमें अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल, पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ और पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी समेत आठ नेताओं की सुरक्षा घटाते हुए 129 पुलिसकर्मियों और 9 पायलट वाहनों को वापस बुला लिया गया था। इनके अलावा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा की पत्नी की सुरक्षा पिछले महीने ही हटा ली गई थी।
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समीक्षा बैठक में लिया गया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भगवंत मान सरकार ने एक समीक्षा बैठक की थी जिसमें इस बार पर विचार किया गया था कि जिन लोगों को सुरक्षा दी गई है क्या वाकई उन्हें जरूरत है या नहीं। इसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं। सुरक्षा वापस लिए जाने की एक वजह पंजाब पुलिस में कर्मचारियों की कमी बताई जा रही है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है।
VIP संस्कृति के खिलाफ दिया स्पष्ट संदेश
गौर हो कि राज्य के मनोनीत मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीआईपी संस्कृति के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश देते हुए अपने शपथ ग्रहण से पहले राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी सहित 122 पूर्व विधायकों, मंत्री और वीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली थी। पूर्व मंत्रियों में कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल और परगट सिंह शामिल थे। हालांकि, सूची में पूर्व मुख्यमंत्रियों- कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और राज्य कांग्रेस प्रमुख सिद्धू के नाम नहीं हैं मगर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर, जो पूर्व विधायक हैं, उन लोगों में शामिल थे, जिनकी सुरक्षा हटा ली गई है।
विधायकों की पेंशन में कर चुके कटौती
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सीएम भगवंत मान एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं। इससे पहले उन्होंने पंजाब में विधायकों को मिलने वाली पेंशन के फॉर्मुले को बदलने का ऐलान किया था। सीएम मान विधायकों को केवल एक बार पेंशन दिए जाने का एलान किया था। इससे पहले जितनी बार विधायक बनता था, पेंशन की राशि जुड़ती जाती थी।
एक के बाद एक बड़े फैसले
आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी कहा था कि पार्टी सत्ता में आई तो वीआईपी को दी गई सुरक्षा वापस ली जाएगी या उसमें कटौती की जाएगी। सत्ता संभालते ही भगवंत मान सरकार एक के बाद एक कई बड़े फैसले लेने के कारण सुर्खियों में बनी हुई है। पिछले दिनों 1 फीसदी कमीशन मांगने के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
इस वजह से सुरक्षा हटाने का लिया गया फैसला
बताया जा रहा है कि सुरक्षा वापस लेने से पहले पंजाब की मान सरकार ने शुक्रवार को एक रिव्यू बैठक की थी, जिसमें इस बात पर विचार विमर्श किया गया था कि क्या 424 लोगों को सुरक्षा की जरूरत है, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं। वीआईपी लोगों की सुरक्षा को वापस लिए जाने का सरकार ने एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस में पहले से ही कर्मचारियों की कमी चल रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।