#BengalElection : दीदी, मोदी, कांग्रेस-वाम बंगाल इस बार किसके नाम

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लखनऊ । बंगाल में विधानसभा का चुनावी बिगुल बज चुका है। दो चरणों के लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है।  ऐसे में सभी पार्टियां अपने-अपने किलेबंदी करने में जुट गई है। बीजेपी के प्रत्याशियों की पहली सूची आज आ सकती है।

राज्य में बीजेपी और टीएमसी के साथ मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए लेफ्ट ने कांग्रेस और फुरफुरा शऱीफ के पीरजादा की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। अगर ये गठबंधन राज्य में मजबूती से इलेक्शन लड़ता है, तो इसका नुकसान ममता बनर्जी की पार्टी को सीधे तौर पर होगा।

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पश्चिम बंगाल में करीब 30% आबादी मुस्लिमों की है, जिनका करीब 125 सीटों पर अच्छा खासा असर है। इन 125 सीटों में तृणमूल कांग्रेस करीब 90 सीट पिछले चुनाव में जीती हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि अगर पीरजादा और लेफ्ट का गठबंधन सफल रहा तो इसका नुकसान तृणमूल को उठाना पड़ सकता है।

दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी बंगाल की 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। पार्टी ने इसके लिए दिनाजपुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना जैसे इलाकों को चुना है। महाराष्ट्र, गुजरात और बिहार में अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के बाद ओवैसी की नज़र अब बंगाल पर है।

दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने के बाद से ही बीजेपी बंगाल फतह का ख्वाब देख रही है। 2019 में बीजेपी को तकरीबन 122 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली थी।

इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी इसी बढ़त का फायदा उठाकर बंगाल का किला भेदना चाहती है, जो अब तक उसके लिए मुश्किल माना जा रहा था। माना जा रहा है कि बीजेपी को त्रिकोणीय मुकाबला होने से पूरा फायदा मिल सकता है. बीजेपी उत्तर बंगाल में काफी मजबूत है, जहां से विधानसभा की करीब 60 सीट हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में भी बीजेपी मजबूत स्थिति में है।

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