पहले से भी ज्यादा उग्र हुई बांग्लादेश हिंसा , जानिए छात्रों के प्रदर्शन पर भारत के बयान पर किसने निराशा व्यक्त की

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द लीडर हिंदी: भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में पिछले एक महीने से हिंसा की आग जल रही है. देश के हालात इतने खराब हैं कि अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. साथ ही प्रदर्शन को दबाने के लिए देश में इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया गया है. हाईवे और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले छात्रों पर पुलिस गोली मारने के साथ में आंसू गैस के गोले छोड़ रही है.दरअसल सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन ने और भी ज्यादा हिंसक रूप ले लिया है. वही प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं. अब तक 100 लोगों की जान चली गई है, इसमें 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

मिली जानकारी के मुताबीक बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा की दृष्टि से सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय अवकाश का ऐलान किया गया.रविवार को सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर लंबे समय से चल रहा छात्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया था. वही प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब उनकी एक ही मांग है पीएम शेख हसीना का इस्तीफा. इसी बीच प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि विरोध के नाम पर देश भर में “तोड़फोड़” करने वाले लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और लोगों से उन्हें सख्ती से दबाने के लिए कहा. उन्होंने कहा, ‘मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि इन आतंकवादियों को सख्ती से कुचलें.

जहां बांग्लादेश में हालात काफी खराब बने हुए है. इसी बीच बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता ने भारत के एक बयान पर दुख जताया है.दरअसल भारत ने बांग्लादेश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन को 19 जुलाई शुक्रवार को उसे देश का ‘आंतरिक’ मामला करार दिया था.जिसपर मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि भारत का यह कहना कि बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन देश का आंतरिक मामला है, दुखदायी है.

अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हो रहे छात्रों के प्रदर्शन पर भारत के बयान पर निराशा व्यक्त की है.उन्होंने चेतावनी दी है कि यह अशांति पड़ोसी देशों में भी फैल सकती है.मोहम्मद यूनुस ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अख़बार से कहा कि भारत ने ऐसा क्यों कहा कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है, इससे मुझे दुख हुआ है.उन्होंने कहा है कि जब आपके भाई के घर में आग लगती है तो आप यह कैसे कह सकते हैं कि यह आपका आंतरिक मामला है.उन्होंने कहा, ” कूटनीति में और भी अधिक समृद्ध शब्द हैं अपनी बात रखने के लिए, सिर्फ यह कह देना कि यह आंतरिक मामला है काफी नहीं है.

”पिछले महीने भारत ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हो रहे छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर टिप्पणी करने से मना कर दिया था.भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा था,” हम इसे बांग्लादेश का आंतरिक मामला मानते हैं.’आपको बता दें कि जुलाई से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद मौत का आंकड़ा करीब 300 तक पहुंच गया है.https://theleaderhindi.com/strong-decline-in-stock-markets-around-the-world-know-what-is-the-condition-of-india/