राहुल गांधी ने जैसे ही अपनी बात कहना शुरू की, वैसे ही उनका माइक बंद कर दिया गया…

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द लीडर हिंदी : संसद सत्र का शुक्रवार (28 जून) को पांचवां दिन रहा. आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर से चर्चा की शुरुआत हुई. लेकिन कार्यवाही शुरू होने के 15 मिनट में ही सदन 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया था. क्योकि मजबूत विपक्ष की नीट पेपर लीक और यूजीसी नेट एग्जाम रद्द किए जाने के मुद्दे की गूंज संसद में सुनाई दी. नीट पेपर लीक पर आज जमकर हंगामा हुआ.हालांकि, कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा कर दिया. जिसके बाद लोकसभा को सोमवार 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया.बता दें शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित कर दी गई.

दरअसल विपक्ष ने मांग की थी कि देश में चल रहे नीट विवाद को लेकर चर्चा की जाए और एक साझा संदेश देश के छात्रों को दिया जाए.राहुल गांधी ने जैसे ही अपनी बात कहनी शुरू की, वैसे ही उनका माइक बंद कर दिया गया, जिसके बाद सदन में शोर होने लगा.स्पीकर ओम बिरला से कहा गया कि वो सदन में इस पर चर्चा करवाएं. ओम बिरला ने विपक्ष से कहा कि वो राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अपनी बात कहें अभी जो कहेंगे वो रिकॉर्ड में नहीं जाएगा. ओम बिरला ने कहा कि ये पहले ही बताया गया था कि स्थगन प्रस्ताव और शून्यकाल, राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान नहीं चलेंगे.

हालांकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बोलना शुरू किया और कहा, “हिंदुस्तान के छात्रों को हम साझा संदेश देना चाहते थे विपक्ष और सरकार की तरफ से कि हम इस मुद्दे को ज़रूरी मानते हैं और इसलिए हमने सोचा था कि आज छात्रों का सम्मान करने के लिए हम नीट पर चर्चा करें. अब बात ये है कि दो फोर्सेज़ हैं.इतना कहने के बाद ही राहुल का माइक बंद हो गया और शोरगुल के बीच स्पीकर ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को उनकी बात कहने के लिए बुलाया.इसके बाद हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. बता दें राहुल गांधी शुक्रवार सुबह संसद पहुंचे थे और परिसर में ही मीडिया से बात की.

राहुल ने कहा, “कल विपक्ष के नेताओं की बैठक हुई और सर्वसम्मति थी कि आज नीट के मुद्दे पर चर्चा चाहिए. हिंदुस्तान के छात्रों से कहना चाहूंगा कि ये आपका मुद्दा है हमें लगता है इंडिया गठबंधन को लगता है कि आज सबसे ज़रूरी बात आपकी है क्योंकि आप हिंदुस्तान के भविष्य हैं तो हमें लगा कि यहां संसद में चर्चा हो और फिर राष्ट्रपति का भाषण हो.”मैं प्रधानमंत्री से निवेदन करता हूं कि ये युवाओं का मुद्दा है और इसपर अच्छे से चर्चा होनी चाहिए, प्यार से चर्चा होनी चाहिए और सम्मानपूर्वक चर्चा होनी चाहिए. हम सम्मानपूर्वक करेंगे, आप भी चर्चा में हिस्सा लीजिए. क्योंकि ये युवाओं का मामला है. घबराए हुए हैं कि क्या होने वाला है नीट में तो संसद से ये संदेश जाना चाहिए कि सरकार और विपक्ष छात्रों की बात करता है.बतादें मजबूती के साथ संसद में पहुंचा विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर प्रहार कर रहा है.फिर चाहे वो कोई भी मुद्दा हो.विपक्ष-पक्ष को लगातार घेरता नजर आ रहा है.