द लीडर. ईद जुमा को होगी. देर रात दरगाह आला हजरत स्थित रुअते हिलाल कमेटी ने चांद की शहादत न मिलने पर ये एलान कर दिया है। जुमेरात को 30वां रोजा रखा जाएगा। दरगाह की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि बरेली या आसपास कहीं से भी चांद देखे जाने की शाहदत नहीं मिली है। दरअसल आजमगढ़ के घोसी में चांद देखे जाने की बात सामने आई थी। इसलिए देर रात तक किसी दूसरी जगह से भी शाहदत का वेट किया जाता रहा।
दरगाह प्रमुख सुब्हान रजा खां उर्फ सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ्ती मुहम्मद अहसन रजा कादरी ने कोरोनाकाल में तमाम दुश्वारियों का जिक्र करते हुए मुसलमानों से ईद सादगी से मनाने का आह्वान किया है. (Eid Dargah Ala Hazrat)
दरअसल सऊदी अरब में रमजान के रोजे भारत से एक दिन पहले शुरू हो गए थे. उम्मीद थी कि वहां ईद का चांद भी एक दिन पहले दिख जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यही वजह रही कि अपने देश में भी ईद गुरुवार के बजाय जुमे यानी शुक्रवार को होने की संभावना जताई जाने लगी थी. उसके लिए बुधवार को शाम ढलने का इंतजार हो रहा था.
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जैसे ही सूरज गुरूब हुआ, आसमान पर चांद देखे जाने के लिए टकटकी बंध गई. दरगाह आला हजरत पर उलमा की गतिविधयां तेज हो गईं. काजी-ए-हिंदुस्तान की अगुवाई वाली रुयत-ए-हिलाल कमेटी की बैठक शुरू कर दी गई. इसमें चांद देखे जाने के बाद शहादत आने का इंतजार हो रहा है. दूसरी तरफ दरगाह प्रमुख और सज्जादानशीन का पैगाम भी जारी कर दिया गया है.
दरगाह के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि मुल्क भर के मुसलमानों के नाम अपील जारी करते हुए ईद बेहद सादगी के साथ मनाने को कहा गया है. जोर दिया है कि गरीबों व ज़रुरतमंदो की ज़्यादा से ज़्यादा मदद करें. लॉकडॉउन का पालन करते हुए दुनिया भर और खासतौर पर हिंदुस्तान से कोरोना के खात्मे की दुआ करें.
सुब्हानी मियां ने ईद-उल-फ़ित्र की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस साल कोरोना महामारी ने करोड़ो लोगों से ईद की खुशियों छीन लीं. शायद ही कोई ऐसा शख्स बचा हो जिसने अपने किसी दोस्त या अहबाब को खोया न हो. महामारी ने ज़िदंगी के साथ ही अनगिनत लोगो के रोज़गार खत्म कर दिए. हर शख्स पर दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ लोग बीमारी से लड़ रहे है. दूसरी तरफ कारोबार की जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
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ऐसे में धूमधाम से ईद की खुशियां कैसे मनाएं. बेहतर यही है कि गरीबों में ईद की खुशियां बांटें. सज्जादानशीन अहसन मियां ने कहा कि ऐसे मुश्किल वक़्त में सभी लोग सब्र और सादगी के साथ ईद मनाते हुए अल्लाह की बारगाह में तौबा करें. भीड़-भाड़ से बचें. ज़कात और फ़ितरा गरीबों को अदा करें.
कमेटी ने जारी किया पैगाम
दरगाह आला हज़रत स्थित मरकजी दारुल इफ्ता की रुयते हिलाल कमेटी ने एलान किया कि बरेली और आसपास कहीं चांद नहीं दिखा है। न इसकी शरई शहादत मिली। इसलिय रमज़ान का महीना 30 का मानते हुए कल-जुमेरात को रोज़ा रखा जाएगा और ईद-उल-फितर का त्यौहार 14 मई, जुमा को होगा। काज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी के हवाले से मरकज़ी दारुल इफ्ता के मुफ्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूक़ी ने बताया कि मरकज़ी दारुल इफ्ता रुयते हिलाल कमेटी की जानिब से ईद का चांद देखने का एहतमाम किया गया था। आसमान साफ न होने के चलते चांद नहीं दिखा। जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया 13 मई को 30वा रोज़ा रखा जाएगा और 14 मई को ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाएगा।
मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के महासचिव नईमुर्रहमान सिद्दीकी की ओर से जारी पत्र में बुधवार को चांद नजर न आने की बात कही गई है. उन्होंने केहा कि जुमेरात को 30वां रोजा होगा और 14 मई को ईद उल फित्र मनाई जाएगी.
#Eid ul Fitr Ka Chand nazar Nahi aya. pic.twitter.com/jWwFdtsC3c
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) May 12, 2021
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने ऐलान किया है कि ईद शुक्रवार यानी जुमा को होगी. बुधवार को ईद का चांद नजर नहीं आया है.