लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृति के बाद गोमतीनगर में अपने आवास की नेमप्लेट बदलते हुए जबरिया रिटायर्ड लिख दिया है जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया। उन्होंने अपने घर की नेम प्लेट में अमिताभ ठाकुर के साथ आईपीएस जबरिया रिटायर्ड लिखा है।
अक्सर चर्चा में रहने वाले अमिताभ ठाकुर एक बार फिर अपने अनिवार्य सेवानिवृति के लिए चर्चा में है जिसको उन्होंने अपने आवास पर लगी नेम प्लेट ही बदल डाली और उस पर जबरिया रिटायर्ड लिखा इसके अलावा नेम प्लेट के साथ अपनी तस्वीर खिंचवाकर फेसबुक तथा ट्विटर पर भी शेयर की है। इससे पहले उन्हें 2015 में निलंबित कर दिया गया था। अमिताभ ठाकुर ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाया था । गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को उन्हें सेवानिवृत्त होने का आदेश दिया था। आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी, जहां ठाकुर वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के रूप में तैनात थे। 1992 बैच के आईपीएस ठाकुर को जनहित में तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त करने के आदेश दिए गए हैं, जबकि उनका सेवा कार्यकाल पूरा होने में अभी समय बाकी है।
अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आइपीएस के साथ-साथ कवि, लेखक और एक एक्टिविस्ट के रूप में भी जाने जाते हैं,सरकार कोई भी रही हो अमिताभ ठाकुर उससे मोर्चा लेने में कभी पीछे नहीं रहे
अमिताभ का जन्म बोकारो (बिहार-झारखंड) में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद अमिताभ ने आइआइटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।आइपीएस बनने के बाद वह उत्तर प्रदेश के सात जिलों बस्ती, देवरिया, बलिया, महाराजगंज, गोंडा ,ललितपुर और फीरोजाबाद में कप्तान रहे। अमिताभ ठाकुर साल 2006 में जब फिरोजाबाद के एसपी थे, उसी दौरान मुलायम सिंह किसी बात को लेकर उनसे नाराज हो गये और उनका तबादला कर दिया।मुलायम सिंह की नाराजगी ही थी कि अमिताभ ठाकुर को किसी भी बड़े जिले में बतौर कप्तान तैनाती नहीं मिली।वर्ष 2006 में अमिताभ ठाकुर को डीआइजी, और साल 2010 में आइजी के पद पर प्रमोशन मिलना था लेकिन गोंडा में कप्तान रहते शस्त्र लाइसेंस में धांधली के मामले में विभागीय जांच उनके खिलाफ चली गई, जिसके चलते बाद में मायावती राज में उनको पांच साल कोई प्रमोशन नहीं दिया गया।इसके बाद ठाकुर ने एक लम्बी लड़ाई लड़ी और आखिरकार अखिलेश सरकार ने साल 2013 में इनका डाइरेक्ट प्रमोशन एसपी से आइजी के पद पर कर दिया। प्रमोशन के बाद इन्हें आइजी रूल्स मैन्युअल बनाया गया, जिसके बाद इनका तबादला आइजी सिविल डिफेंस के के पद पर कर दिया गया। नौकरी के दौरान गैरविभागिय कामों में दखलअंदाजी का अमिताभ ठाकुर पर आरोप लगा।उन्होंने कई आरटीआइ भी सरकारी कार्यों के लिए दाखिल किए,कई पीआइएल किए जिनमें कुछ में कोर्ट की फटकार भी सुनने को मिली।