कोलकाता | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के बांकुरा में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी की चोट का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को लगी चोट के मामले की जांच होनी चाहिए. टीएमसी जहां इसे साजिश करार दे रही है तो वहीं चुनाव आयोग इसे साजिश मानने से इनकार कर रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं का क्या, जिनकी जान चली गई. उन्होंने कहा कि मै आपकी चोट के ठीक होने की कामना करता हूं लेकिन अच्छा होता अगर आप भी बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं के बारे में कुछ सोचती जिनकी मौत हो गई.
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उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को हाल ही में चोट लगी है और उन्हें दर्द हो रहा है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस शासन द्वारा हत्या किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों की तकलीफ का क्या. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सत्ता में आयी तो पश्चिम बंगाल में सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि हमें आशा थी कि कम्यूनिस्ट शासन जाने के साथ ही बंगाल से राजनीतिक हिंसा समाप्त हो जाएगी. मगर राजनीतिक हिंसा बढ़ गई. बीजेपी के 130 से ज्यादा कार्यकर्ता मार दिए गए.
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ममता बनर्जी 10 मार्च को नंदीग्राम में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद प्रचार करने के दौरान चोटिल हो गई थीं. उनके बायें पैर, सिर और छाती में चोट लगी थी. उन्हें करीब 48 घंटे तक अस्पताल में रहना पड़ा था.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया था कि यह एक षड्यंत्र था. हालांकि, चुनाव आयोग ने इससे इनकार किया. चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ था.आयोग ने कहा कि बनर्जी को चोट उनके सुरक्षा प्रभारी की चूक के कारण लगी. चुनाव आयोग ने रविवार को आदेश दिया कि निदेशक (सुरक्षा) विवेक सहाय को उनके पद से हटा दिया जाए और फौरन निलंबित किया जाए.
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