निहंग सिख नेता से मिले कृषि मंत्री, तुरंत दें इस्तीफा: SKM

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सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर के आधार पर एसकेएम ने केंद्रीय कृषि मंत्री के इस्तीफे की मांग की है.

सिंघु मोर्चा पर शुक्रवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में साफ कहा गया कि आंदोलन के किसी भी मोर्चे पर हत्याकांड के आरोपी समूहों या समुदायों के लिए कोई जगह नहीं है, यह किसान आंदोलन है, न कि धार्मिक आंदोलन। बैठक में एसकेएम ने एक बार फिर सिंघू मोर्चा पर हुई 15 अक्टूबर 2021 की हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की। कहा गया, देश के सामने अब तक जो सबूत और रिपोर्ट सामने आई हैं, उससे साफ है कि यह घटना यूं ही नहीं हुई, बल्कि इसके पीछे किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसे हिंसा में फंसाने की साजिश है। एसकेएम ने मांग की कि केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश चौधरी, जिन्हें तस्वीरों में नृशंस हत्या में शामिल समूह के निहंग सिख नेता से मिलते दिखाया गया था, उनको तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। इसके अलावा किसानों को फंसाने और बदनाम करने की साजिश की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए। (Agriculture Minister Resign Immediately)

लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के बाद एसकेएम ने घटना में न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की है। पहले घोषणा की गई कि 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत का आयोजन होगा। लेकिन आज एसकेएम ने समय और फसल के लिहाज से मौसम के खराब हालात को ध्यान में रखते हुए महापंचायत को 22 नवंबर तक के लिए टाल दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कार्रवाई के लिए नए आह्वान में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने के साथ दिल्ली बॉर्डर पर 11 महीने पूरे होने पर 26 अक्टूबर को देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है। (Agriculture Minister Resign Immediately)

पंजाब के 32 किसान संगठनों की भी 21 अक्टूबर को सिंघु मोर्चा पर हुई बैठक में तथ्यान्वेषी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया। बैठक में पंजाब के किसानों से आह्वान किया गया कि वे सरकार की साजिशों को नाकाम करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचकर मोर्चों को मजबूत करें।

बैठक में पंजाब के माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में 24 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी नरसंहार के शहीदों की अस्थियों को किरतपुर साहिब, गोइंदवाल साहिब और हुसैनीवाला में विसर्जित करने के लिए ‘कलश यात्रा’ निकालने का निर्णय लिया गया। किसानों से धान और गन्ने की खरीद, उर्वरकों की कालाबाजारी खत्म करने और उसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का मुद्दा भी उठाया गया। (Agriculture Minister Resign Immediately)

एसकेएम ने प्रेस बयान में बताया कि भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के काफिले में मारे गए शहीद-किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर से शुरू हुई शहीद कलश यात्रा भारत के कई राज्यों में जारी है। यात्रा पश्चिमी यूपी में मुजफ्फरनगर और मेरठ से सिवाया टोल प्लाजा होकर गुजरी।

मुजफ्फरनगर में तीर्थनगरी शुक्रताल में अस्थियों का सम्मानपूर्वक विसर्जन किया गया। प्रयागराज में अस्थियों को पवित्र गंगा नदी में विसर्जित किया गया। ऐसी यात्राएं हरियाणा के जिलों से होकर भी गुजरीं। भिवानी में हर जगह भारी भीड़ यात्रा में शामिल हुई।

करनाल में कई गांवों से यात्रा करने के बाद अस्थियां पश्चिमी यमुना नहर में विसर्जित की गईं। महाराष्ट्र में यात्रा नासिक पहुंची, जहां आज अस्थियों को राम कुंड में विसर्जित कर दिया गया। इस यात्रा ने महाराष्ट्र के 15 जिलों का भ्रमण किया। एक यात्रा उत्तराखंड से होते हुए अस्थि कलश को भी ले जा रही है, जो डोईवाला टोल प्लाजा तक पहुंच चुकी है।

एसकेएम ने फिर दोहराया, स्पष्ट अन्याय और अवैध कार्यों के बावजूद मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की रक्षा और बचाव कर रही है। लखीमपुर खीरी की घटना में निर्दोष किसानों की हत्या में न्याय के लिए हमारा संघर्ष जारी है, आगे और मजबूत होगा। (Agriculture Minister Resign Immediately)

किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा, भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में पिहोवा के पास सुरमी गांव में किसानों ने राज्य के खेल मंत्री संदीप सिंह को काले झंडे दिखाए। कैथल में सांसद नायब सैनी ने किसानों के विरोध के कारण दौरा रद्द कर दिया। खास बात यह है कि काले झंडे के विरोध में दिख रहा किसानों का गुस्सा और प्रतिरोध दूसरे राज्यों में भी फैल रहा है।

मध्य प्रदेश में पूर्व में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया को काले झंडे के विरोध का सामना करने की घटनाओं के अलावा, आज अलीराजपुर जिले में जोबट विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए आए भाजपा नेताओं का स्थानीय किसानों द्वारा काले झंडों के साथ विरोध किया गया। (Agriculture Minister Resign Immediately)

इस बीच कई राज्यों में धान किसानों द्वारा खरीद में कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। यह समस्या राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी है, जहां किसान धान को यूपी से हरियाणा में प्रवेश करने से रोकने के राज्य सरकार के आदेश का विरोध कर रहे हैं। मौजूदा बाजार मूल्य सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से काफी कम है।


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