आखिर क्यो बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार बनाना चाहते हैं छात्र, क्या है इसके पीछे राज़?

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द लीडर हिंदी: आरक्षण की आग में बांग्लादेश जल उठा और नतीजा ये रहा कि शेख हसीना को भागना पड़ा. और बांग्लादेश की आवाम ने देश का तख्तापलट दिया.तख्तापलट के बाद पूरा 48 घंटे के लिए अंतरिम सरकार चलाई जाएगी. वही बांग्लादेश में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेता नाहिद इस्लाम ने शेख हसीना के इस्तीफ़े के बाद देश को चलाने के लिए गठित होने वाली अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस का नाम प्रस्तावित किया है. जानकारी मिली है कि उन्होंने राष्ट्रपति से जल्द से जल्द प्रोफेसर यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का आग्रह किया.

आंदोलन के समन्वयकों में से एक नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया फेसबुक पर वीडियो संदेश में मुख्य सलाहकार के नाम का प्रस्ताव रखा.उस वक़्त उनके साथ कोऑर्डिनेटर आसिफ महमूद और अबू बक्र मजूमदार भी मौजूद थे.इस्लाम ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार का मुखिया बनने के बारे में उनकी प्रोफेसर यूनुस से बात हो चुकी है.उन्होंने कहा, ”हमने मोहम्मद यूनुस से भी बात की है. वह छात्रों की अपील पर बांग्लादेश के लिए ये यह अहम जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हो गए हैं.’’भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने यह भी कहा कि सलाहकार परिषद के दूसरे सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.इससे पहले कल प्रेस कॉन्फ्रेंस नाहिद इस्लाम ने कहा था,” हम किसी भी तरह की सरकार का समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि इसे छात्र-नागरिकों द्वारा समर्थित या प्रस्तावित न किया जाए.”बतादें प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद राजधानी ढाका से भारत आ गईं. देश की कमान फिलहाल सेना ने संभाल ली है.इस बीच, भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों (कोऑर्डिनेटर) ने नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव रखा है.

जानें कौन है मोहम्मद यूनुस?
बता दें मोहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून, 1940 में हुआ. वह बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, एक बैंकर, एक अर्थशास्त्री और सामाजित नेता हैं. गरीबी उन्मूलन के विशेष प्रयासों के लिए 2006 में यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.वही गरीबी उन्मूलन की दिशा में अहम योगदान के लिए यूनुस को इस पुरस्कार से नवाजा गया था.यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराता है. बांग्लादेश को अपने ग्रामीण बैंक के माध्यम से माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनियाभर में सराहना हासिल हुई थी। इसके कारण बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोग जीवनस्तर के ऊपर उठाने में सफल हए थे.साल 2009 में उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था. 2010 में उन्हें कांग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया. इसके साथ ही उन्हें कई और भी अवॉर्ड मिल चुके हैं.

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बधाई का माहौल
जहां एक मुल्क पूरी तरह बर्बाद हो गया. शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा.वही दूसरी तरफ बांग्लादेश में खुशी का माहौल है. बता दें विपक्षी नेताओं ने शेख हसीना के इस्तीफे पर प्रदर्शनकारियों को बधाई दी. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने सोमवार को शेख हसीना के बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे पर देशभर के छात्रों और प्रदर्शनकारियों को बधाई दी. रहमान ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की न्याय की भावना और अपने देश के लोगों के प्रति प्रेम इस “ऐतिहासिक दिन” पर प्रबल हुआ है.एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “शेख हसीना का इस्तीफा लोगों की शक्ति को साबित करता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण होगा, जो दिखाएगा कि कैसे लोगों का साहस अत्याचारों पर विजय हासिल कर सकता है.समाज के सभी वर्गों के छात्रों और प्रदर्शनकारियों को बधाई.https://theleaderhindi.com/indian-government-held-an-all-party-meeting-amid-the-coup-in-bangladesh-foreign-minister-said-this/