अफ़ग़ानिस्तान:तुर्की में होगी शांति वार्ता, अमेरिकी फ़ौज सितंबर में लौटेगी

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अंकारा/वाशिंगटन ।

अफ़ग़ानिस्तान की समस्या का हल खोजने के लिए अब तुर्की दस दिवसीय अफगान शांति वार्ता की मेजबानी करेगा। 24 अप्रैल से शुरू होकर चार मई तक चलने वाले इस सम्मेलन में कई पक्ष भाग लेंगे। इस बीच वाशिंगटन से खबर है कि अमरीका अपनी फौज 1 मई की बजाय अब सितंबर में हटाएगा।
तुर्की के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अफगान सरकार और तालिबान इस दस दिवसीय शांति वार्ता में भाग लेंगे जबकि तालिबान पहले विदेशी फौज हटाने की मांग कर रहा है।

अमेरिका के स्टेट विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वॉशिंगटन चाहता था कि तालिबान को शामिल करने वाली अंतरिम सरकार के साथ अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के वर्तमान नेतृत्व को बदलने की योजना को मंजूरी देने के लिए तुर्की सम्मेलन आयोजित किया जाए।
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई के बीच ये दोनों खबरें आयी हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की एक मई की समयसीमा को बढ़ा कर 11 सितंबर करने का फैसला किया है, जो 9/11 हमले की 20वीं बरसी है। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
बाइडन कई हफ्तों से इसके संकेत दे रहे थे कि वह उस समयसीमा को बढ़ा सकते हैं। यह स्पष्ट हो गया था कि ढाई हजार सैनिकों की वापसी एक मई तक करना मुश्किल होगा।
पहली बार यह खबर द वाशिंगटन पोस्ट के हवाले से आई थी। इस बीच संयुक्त राष्ट्र से प्राप्त समाचार के अनुसार संयुक्त राष्ट्र, तुर्की और कतर इस महीने अफगानिस्तान और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच एक उच्च स्तरीय तथा सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं।
इस सम्मेलन का लक्ष्य न्यायपूर्ण और राजनीतिक समझौते की खातिर वर्तमान अफगान वार्ता में तेजी लाना है। असल में यह सब भी जो बिडेन की पहल पर ही हो रहा है।

इस बीच कतर स्थित तालिबान के कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट कर कहा कि जबतक सभी विदेशी बल देश के बाहर नहीं हो जाएंगे तबतक हम किसी भी प्रकार के सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे।

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