किसान आंदोलन में अब तक 138 किसान शहीद

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A Press Note by The Sanyukta Kisan Morcha

सरकार के साथ दसवें चरण की वार्ता के बाद सयुंक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस नोट जारी किया है. प्रेस नोट में वार्ता में सरकार की स्थिति, देश में आन्दोलन के वर्तमान हालात के अलावा आगे की रणनीति पर भी बिंदुवार बात कही गयी है. (A Press Note by The Sanyukta Kisan Morcha)

सयुंक्त किसान मोर्चा ने एक प्रेस नोट

आज सरकार के साथ मीटिंग में अहम वार्ता हुई. सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रपोजल रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जाएगा. किसानों ने रिपील की मांग पर ज़ोर दिया और अगली बैठक तक विचार विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही. MSP के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की परंतु किसानों ने इसे अस्वीकार किया. इस पर 22 जनवरी की अगली मीटिंग में विस्तारपूर्वक चर्चा होगी.

आज की मीटिंग में सरकार द्वारा NIA जांच और गिरफ्तारियों पर भी चर्चा हुई और सरकार ने NIA को नाजायज केस न करने के निर्देश देने का भरोसा दिया.

आज दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश गुरपुरब है. आज दुनियाभर में 11 बजे से 1 बजे तक “देह सिवा बरु मोहे” शब्द उच्चारण करते हुए इस आंदोलन की कामयाबी का प्रण लिया गया.

26 जनवरी की किसान परेड से संबधी दिल्ली,हरियाणा और उत्तरप्रदेश पुलिस से बैठक हुई जिसमें किसान ने आउटर रिंग रोड पर परेड करने की मांग पर अडिग रहे वहीं पुलिस ने दूसरे रास्ते देने का और परेड न करने का आह्वान किया. इसके बारे में कल भी एक बैठक होगी.

इस राष्ट्रव्यापी और जनांदोलन में देशभर से किसान दिल्ली बोर्डर्स पर पहुंच रहे है. उत्तराखंड के लखीमपुर और बिजनौर से हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली पहुंचने वाले है.

मध्यप्रदेश के रीवा,ग्वालियर, मुलताई समेत कई जगहों पर किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए हैं. अलग-अलग जगह पर प्रशासन को ज्ञापन दिए जा रहे हैं. महिला किसान दिवस भी पूरी ऊर्जा और उत्साह से मनाया गया. अब किसान गाँव-गाँव जाकर जागरूक कर रहे हैं और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के ही बिलवानी में एक विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला गया.

नवनिर्माण संगठन की ओडिशा से दिल्ली की यात्रा में लोगों के मिल रहे समर्थन को देखकर उतर प्रदेश सरकार ने परेशान किया और रूट भी बदला गया. इसके विरोध में यात्रा के संयोजक 26 जनवरी तक उपवास रखेंगे.

पंजाब व हरियाणा में जनांदोलन व्यापक रूप ले रहा है. न सिर्फ किसान-मजदूर बल्कि समाज के हर वर्ग से लोग इस आंदोलन में भागीदारी दिखा रहे हैं. उत्तरी राजस्थान में रोजाना ट्रैक्टर मार्च,बाइक रैली और धरना प्रदर्शन कर किसान दिल्ली बोर्डर्स पर आने की तैयारी कर रहे हैं.

इस आंदोलन में अब तक 138 किसान शहीद हो चुके हैं. सयुंक्त किसान मोर्चा की समूची लीडरशिप इन शहीदों को श्रंद्धाजलि अर्पित करती है. हम सभी भरोसा देते हैं कि इन किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हम शहीदों के परिवारों को उचित क्षतिपूर्ति की मांग करते हैं.

NAPM के नेतृत्व में किसान ज्योति यात्रा उदयपुर पर कर चुकी है. महाराष्ट्र के यवतमाल से विधवा किसान या आत्महत्या कर चुके किसान के परिवार के सदस्य दिल्ली के किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी देने के लिए आ रहे हैं. कोलकाता में अन्नदातार साथे बांग्ला के नाम से चल रहे पक्के मोर्चे में आज एक विशाल रैली आयोजित की गई.

बिहार में लगातार किसान आंदोलन कर रहे है. सरकार जिस तरह से इस आंदोलन को एक खास तबके से जोड़ कर पेश कर रही है,बिहार के किसानों ने इस तर्क का जवाब भी अपने संघर्ष से दिया है. बिहार में एक तरफ किसान गावों और जिला हेडक्वॉर्टर पर प्रदर्शन हो रहे है वहीं पटना में AIPF ने विरोध प्रदर्शन किया. (A Press Note by The Sanyukta Kisan Morcha)

 

-डॉ दर्शन पाल
सयुंक्त किसान मोर्चा

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