भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के कमांडर इन चीफ कहे जाने वाले चंद्रशेखर आजाद के बारे में अमूमन कहा जाता है कि उन्होंने अंतिम गोल खुद को ही मार ली थी, जिससे जीवित अंग्रेजों के हाथ न लग सकें। (Revolutionary Chandrashekhar Azad)
इस तथ्य के इर्द-गिर्द तमाम किस्से गढ़े गए और फिल्माया गया। लेकिन यह सच नहीं है। वे आखिरी गोली तक अंग्रेजों से लड़े। उनकी वीरता से अंग्रेज परिचित थे, इसलिए बलिदान के बाद भी घबराते हुए पूरा दल-बल वहां पहुंचा। (Revolutionary Chandrashekhar Azad)