अब्दुल्ला आज़म की रिहाई पर बहस, लेकिन कोर्ट से क्या हुआ

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द लीडर हिंदी: हाईकोर्ट में ज़मानत पर बहस आज़म ख़ान, अब्दुल्ला आज़म के साथ रामपुर नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन अज़हर ख़ान को लेकर भी हुई. लेकिन उम्मीद अब्दुल्ला आज़म ख़ान के जेल से बाहर आने की लगाई जा रही थी. इसलिए क्योंकि नगर पालिका की मशीन से जुड़े मामले में ही उनको ज़मानत नहीं मिल सकी है. बाक़ी मामलों में ज़मानत हो चुकी है. जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने ज़मानत के लिए हाईकोर्ट में जमकर पैरवी की. तमाम तर्क दिए. जौहर यूनिवर्सिटी में मशीन बरामद होने का यह वही मामला था, जो आज़म ख़ान से जुड़े मुक़दमों में बहुत ज़्यादा चर्चा में रहा था. उनकी जौहर यूनिवर्सिटी में भारी फोर्स के साथ जेसीबी पहुंची और ज़मीन की खोदाई के बाद सफाई मशीन बरामद की गई, जो नगर पालिका परिषद की बताई गई.

हालांकि तब इस मामले में उस समय की रामपुर पालिकाध्यक्ष फ़ात्मा जबीं ने सफाई भी दी थी कि जौहर यूनिवर्सिटी से मिली मशीन नगर पालिका परिषद की नहीं है. बहरहाल इस मामले में आज़म ख़ान, अब्दुल्ला आज़म के साथ फ़ात्मा जबीं और उनके पति पूर्व चेयरमैन अज़हर ख़ान का नाम भी खोला गया था. हाईकोर्ट में उनकी बेल एप्लीकेशन पर सभी की नज़रें लगी थीं. लेकिन इसी बीच नगर पालिका की क्लीनिंग मशीन चुराने के मामले में आरोपी आजम खान और बेटे अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.

ऐसे में आजम खान और उनकी फैमिली को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने इस मामले में दो सितंबर को फैसला रिजर्व किया था. रामपुर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अजहर खान की भी जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी है.आपको बता दें कि, हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 2 सितंबर को जमानत अर्जी पर फैसला रिजर्व किया था.https://theleaderhindi.com/flew-tejas-at-the-age-of-59-will-now-take-charge-as-the-next-chief-of-the-indian-air-force/