द लीडर हिंदी: कल बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समिति की सिफारिश के मुताबिक ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी.हालांकि अभी कैबिनेट ने कानून पास नहीं किया है. सिर्फ रिपोर्ट को मंजूरी दी है.लेकिन सरकार के इस कदम पर विपक्षदलों का ताल-मेल कुछ अलग सा दिखाई दे रहा है.क्योकि जहां सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट लिखी है.
इस पोस्ट में अखिलेश ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पा रही बीजेपी को लेकर तंज कसा.
वहीं मायावती का रुख अलग रहा. मायावती ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने पर उनकी पार्टी का रुख ‘सकारात्मक’ है.
अब इसी बीच इस फ़ैसले पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक जनसभा में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अरविंद केजरीवाल ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को बीजेपी का जुमला बताते हुए कहा, “देश में ‘वन नेशन वन एजुकेशन’ होनी चाहिए ताकि जो शिक्षा करोड़पति के बच्चों को मिलती है, वही आम आदमी को भी मिल सके. देश में ‘वन नेशन वन इलाज’ होना चाहिए.”दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि मैं कहता हूं कि हर महीने चुनाव होने चाहिए क्योंकि जब चुनाव होता है, उसी वक़्त नेता जनता के काबू में रहते हैं और उनका काम करते हैं.https://theleaderhindi.com/all-the-politicians-riding-in-a-chariot-to-celebrate-the-arrival-of-the-prophet-in-mumbai/