संसद का मानसून सत्र कवर करने की 340 पत्रकारों को नहीं इजाजत, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया हैरान

द लीडर : 340 journalists not allowed to cover monsoon Session of Parliament Press Club of India Shocked. संसद (Paliament) के मानसून सत्र का आगाज हो गया है. लेकिन मीडिया के एक बड़े वर्ग को इससे दूर रखा गया है. केवल 60 पत्रकारों को ही संसदीय कार्यवाही कवरे करने की इजाजत दी गई है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के मुताबिक, ”400 पत्रकार स्थायी पास वाले हैं. जिनमें केवल 60 को अनुमति दी गई है.” प्रेस क्लब ने हैरानी जताते हुए कहा कि, ”मीडिया संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का आंतरिक अंग है. मीडिया को किनारे किए जाने का मामला बेहद गंभीर है. आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.”


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प्रेस क्ल्ब ने एक बयान में कहा है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक सार्वजनिक ऐलान किया था कि सभी स्थायी पास रिन्यू किए जाएंगे. हमें अभी भी उम्मीद है कि चेयर यानी लोकसभा स्पीकर अपने वादे को पूरा करेंगे. हम मीडिया को साइडलाइन किये जाने के रवैये से आह्त हैं. आजाद भारत के इतिहास में ऐसी कभी नहीं हुआ है.

प्रेस क्लब ने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, जोकि दोनों सदनों-लोकसभा और राज्य सभा में हैं, उन्हें पत्र लिखा है. राज्यसभा के अध्यक्ष और लोकसभा स्पीकर के अलावा सभी से आग्रह किया है कि संसदीय लोकतंत्र को बचाएं. और मीडिया को कवरेज की अनुमति दी जाए.


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ये मामला ऐसे समय आया है, जब इसी महीने रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की प्रेस की आजादी पर हमले की एक सूची जारी की थी. जिसमें भारत भारत के प्रधानमंत्री को भी शामिल किया था.

स्थायी पास नवीनीकरण न होने के कारण बड़ी संख्या में पत्रकारों को संसदीय कार्यवाही से दूर रखे जाने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रेस क्लब ने इसको लेकर सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं, जिन्हें लोकसभा स्पीकर समेत अन्य लोगों को टैग किया है.


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हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इस मामले में कोई सफाई सामने नहीं आई है. और संभव है कि अब ये मुद्​दा सदन में उठेगा. अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर पहले से ही सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है. और अब उसे एक ठोस वजह भी मिल गई है.

Ateeq Khan

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