लखनऊ | चर्चित आईपीएस आधिकारी अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय ने समय से पूर्व अनिवार्य रूप से सेवानिवृत करने का आदेश दिया है। आदेश में लिखा गया है कि अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
सरकार के इस आदेश पर उन्होंने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ट्वीट करके उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए। जय हिन्द !
ज़ाहिर है आईपीएस अमिताभ ठाकुर पिछले कई सालों से सरकार के खिलाफ कई ऐसे मामले में खूब चर्चा में रहे है। चाहे खुद अखिलेश यादव की सरकार हो या भाजपा की कई ऐसे मुद्दों को उठाकर सराकर के नाक में दम कर रखा था।
गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में आउट हुए UP के तीन IPS
तीनों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया और दीया गया अनिवार्य सेवनिवृत्ति
1 – अमिताभ ठाकुर ( आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जाँचें चल रहीं थी।
2- राजेश कृष्ण ( सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप।
3- राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।
उपरोक्त तीनों आईपीएस पर थे गम्भीर अनियमित्ता के आरोप थे |