27000 सीरियाई लोगों को 2021 में मिली स्वीडिश नागरिकता

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दुनिया में सबसे खराब हालात से जूझ रहे सीरिया के 27 हजार लोगों को स्वीडन ने हमेशा के लिए अपना बना लिया। ऐसा स्वीडन ने 2021 में 27340 सीरियाई प्रवासियों को नागरिकता देकर किया। सीरिया में जो हालात युद्ध की वजह से हो चुके है, उसमें यह बहुत ही राहत की खबर है। (27000 Syrians Swedish Citizenship)

स्वीडिश प्रवासन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल के दौरान 85 हजार लोगों को स्वीडिश नागरिकता दी गई। सीरिया के 27340 लोगों के अलावा, 4067 सोमाली और 3471 इरिट्रिया के लोगों को भी स्वीडिश नागरिकता दी गई।

गौरतलब है, स्वीडन में निवास और वर्क परमिट वाला कोई भी प्रवासी पांच साल के भीतर स्थायी नागरिकता का हकदार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में यूरोप में प्रवासियों की आमद के बाद स्वीडन में निवास और वर्क परमिट पाने वाले सीरियाई लोगों की संख्या बढ़कर लगभग 1 लाख हजार हो गई है।

पहला मुस्लिम जत्था यहां 1949 में आया, जब टाटर्स का एक छोटा दल फिनलैंड से पलायन करके आया। स्वीडन में इस्लाम की मौजूदगी 1960 के दशक तक मामूली रही। जब स्वीडन ने बाल्कन और तुर्की से प्रवासियों को आने का स्वागत किया, तब यह संख्या बढ़ना शुरू हुई। (27000 Syrians Swedish Citizenship)

उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व से आने वालों ने मुस्लिम आबादी को 6 लाख तक पहुंचा दिया। जबकि, 2010 के आसपास केवल 1 लाख 10 हजार लोग मुस्लिम समुदाय से थे।

यूरोबैरोमीटर पोल 2010 के अनुसार, 18 प्रतििशत स्वीडिश नागरिक मानते हैं कि ईश्वर एक है, 45 फीसद मानते हैं कि कोई सुपरपॉवर है, जबकि 34 प्रतिशत का कहना है कि आत्मा या सुपरपॉवर जैसी कोई चीज नहीं हैं।

साल 2015 में हुए एक डेमोस्कोप अध्ययन के अनुसार स्वीडिश की मान्यताओं के बारे में पता चला है कि 21 प्रतिशत लोग ईश्वर में विश्वास करते हैं, 16 प्रतिशत भूतों में विश्वास करते हैं, जबकि 14 प्रतिशत तर्कशीलता पर भरोसा करते हैं।

समाजशास्त्र के प्रोफेसर फिल जुकरमैन का दावा है कि स्वीडन, ईश्वर में विश्वास की कमी के बावजूद, आमतौर पर नास्तिक शब्द पर सवाल उठाते हैं और खुद को ईसाई कहना पसंद करते हैं। (27000 Syrians Swedish Citizenship)

स्वीडिश सांस्कृतिक पहचान में धर्म की अहम भूमिका है। यह इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि स्वीडिश वयस्कों का बहुमत लूथरन चर्च का सदस्य है और बपतिस्मा की दर अच्छी है, चर्च में शादियां होने की परंपरा मजबूत हो रही है।


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