फिर संकट में फिलिस्तीन: इजराइल के हवाई हमले में 9 बच्चों समेत 20 मारे गए

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द लीडर डेस्क।

रमजान के मुकद्दस महीने में फिलिस्तीनियों के कब्जे खाली कराने की योजना और अपने यरुशलम दिवस पर मुस्लिम इलाकों से इजरायली राष्ट्रवादियों का जुलूस निकालने की जिद ने एक बार फिर गाजा पट्टी समेत पूरे फिलिस्तीन को संकट में डाल दिया है। युद्ध जैसे हालात फिर बन गए। बीती रात इजराइल ने हवाई हमले कर 20 की जान ले ली जिनमें 9 बच्चे शामिल हैं। 2014 के बाद फिलिस्तीनियों पर पहली बार ऐसा संकट आया।
अल अक्सा मस्जिद में हुए विवाद के बाद पिछले कुछ दिनों  से लगातार दमन का शिकार हो रहे हमास के लड़ाके जोश में आ गए और शाम को साईरन बजने के बाद उन्होंने इजराइल की तरफ कई रॉकेट दाग दिए। इजराइल जैसे इसी उकसावे की ताक में था और उसने हवाई हमला बोल दिया। इससे पहले अल अक्सा परिसर में स्टन ग्रेनेड और रबर बुलेट से 300 नमाजी घायल हुए थे जिनमें से 280 लोग अस्पतालों में हैं। हमास के हमले में इजराइल के तरफ से सिर्फ एक सैनिक के घायल होने और दो नागरिकों में मरने की स्वीकारी गई है। इजराइल का दावा की हमास के ज्यादातर रॉकेट उनके एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिये थे।

हमास ने दागे रॉकेट

उत्तरी गाजा में एक विस्फोट में तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के कम से कम सात लोगों की जान चली गयी। इजराइली सेना ने कहा कि गाजा से रॉकेट दागे जाने के जवाब में उसने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया। रॉकेट हमलों के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कह दिया था कि वह दुश्मन को करारा सबक सिखाएंगे। उनकी इस घोषणा के बाद हवाई हमले किये गए।


सोमवार सुबह इजरायली पुलिस ने बताया था कि अल अक्सा मस्जिद परिसर के पास ही सड़क पर पथराव किया गया। वहीं फिलस्तीनियों ने मस्जिद परिसर पर ‘स्टन ग्रेनेड’ दागे जाने और इससे कई लोगों के घायल होने की बात कही है। इससे पहले पूर्वी येरूशलम में रविवार को भी झड़प होने की खबर आईं। देर रात हुई इस झड़प के बाद यहां वार्षिक ‘येरूशलम दिवस’ समारोह के दौरान हिंसा होने की आशंका और अधिक बढ़ गई थी। इजराइल पुलिस ने फलस्तीन के साथ जारी तनाव के बावजूद इस रैली की मंजूरी दे दी थी जिसे लेकर दूसरे समुदाय ने विरोध जताया। पिछले दिनों हुए संघर्ष में  करीब दो दर्जन पुलिस अधिकारी भी घायल हो चुके हैं।

‘येरूशलम दिवस’ से पहले मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, किसी भी चरमपंथी ताकत को येरूशलम में शांति प्रभावित नहीं करने दी जाएगी। हम निर्णायक रूप से तथा जिम्मेदारी से कानून एवं व्यवस्था लागू करेंगे। उन्होंने कहा, हम सभी धर्मों के लोगों की पूजा-अर्चना करने की स्वतंत्रता जारी रखेंगे, लेकिन हिंसक गतिविधियों को अंजाम नहीं देने देंगे। लेकिन रॉकेट दागे जाने के बाद उन्होंने हवाई हमले का आदेश दे दिया।

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ भी चिंतित

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जैक सुलिवन ने इजराइली एनएसए से फोन पर बात कर इन झड़पों पर चिंता जताई। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरस ने भी पूर्वी येरूशलम में हिंसा जारी रहने को लेकर गहरी चिंता जताई। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता इमली हॉर्न ने बताया कि सुलिवन ने इजराइल से शांति बनाए रखने की अपील की है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि हम इजराइल की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। गाजा में हुए रॉकेट हमले को लेकर हम चिंतित हैं, उन्हें ये रोकना होगा।

सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पूर्वी यरुशलम में बढ़ती हिंसा पर आपातकालीन बैठक की और एक प्रस्तावित बयान पर विचार-विमर्श किया, जिसमें इजरायल से आह्वान किया गया कि वह मामले को लेकर संयम बरतें और इस पवित्र स्थलों पर ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान करे।संयुक्त राष्ट्र में आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायर्न नैसन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को तत्काल बात करनी चाहिए, और हम आशा करते हैं कि वह आज ऐसा करने में सक्षम होगा। परिषद के राजनयिकों ने कहा कि सभी 15 सदस्यों ने झड़पों और बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की लेकिन इजराइल के निकटतम सहयोगी अमेरिका का रुख नरम रहा।

यह है विवाद की वजह

इस्राइल में ‘येरूशलम दिवस’ को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। इजराएल1967 में पूर्वी येरूशलम पर कब्जा करने का जश्न इस दिन मनाता है, जिसका फिलस्तीन के नागरिक विरोध करते हैं क्योंकि वे इस कब्जे को मान्यता नहीं देते हैं। वे मानते हैं कि इस क्षेत्र पर उनका भी पूरा अधिकार है। इजराएल और फिलस्तीन दोनों ही पूर्वी येरूशलम पर अपना दावा जताते हैं। इजराइल इस क्षेत्र को खाली कराने की मुहिम छेड़े हुए है। यह उकसावा भी इसी की पृष्ठभूमि था।

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